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सूची छपाववी बाकी रहेती हती. आ खामीने दूर करवा पूज्यपाद पुण्यविजयजी महाराजे, १२-१३ वर्ष पहेला, आ सूचिपत्र छपाववानी शरूआत करी हती. आनो पहेलो भाग प्रगट करता अमने खूब हर्ष थाय छे. पण आ ग्रन्थ विद्वानोना करकमलमा रज़ थाय छे ते समये, पूज्यपाद पुण्यविजयजी महाराज आपणी वच्चे उपस्थित नथी ए हकीकतथी अन्तर ग्लानिथी ऊभराई जाय छे.
पूज्यपाद महाराजश्रीनुं निखालस, निर्मळ, नीडर, सात्त्विक अने विवेकी व्यक्तित्व हजु पण जाणे नजर सामे प्रकाशी रह्यु छे अने चिरकाळ सुधी प्रकाशतुं रहेशे. तेओ जेम आजीवन ज्ञानोपासक अने ज्ञानोद्धारक महापुरुष हता, तेम तेओनी ज्ञानसाधना जीवनस्पर्शी होवाने कारणे. तेओए श्रमणजीवननो अने विमल साधुतानो श्रेष्ठ आदर्श रजू को हतो. तेओनुं सदाय सुप्रसन्न जीवन भूल्यु भुलाय एम नथी. अविरत श्रम लईने तेओश्रीए तैयार करेल-संपादित करेल आ ग्रंथमां ज तेओने श्रद्धांजलि आपवानो अवसर आवे, ए कुदरतनी मोटी करुणता ज लेखाय.
आ पहेला भागमा १४७८९ हस्तप्रतोनी विगतवार यादी आपवामां आवी छे, आ उपरांत आशरे पांचेक हजार प्रतोनी यादी तेम ज बधा भण्डारोनी समग्र प्रतोनी लेखकप्रशस्तिओनु लखाण पण तैयार छे. ते, अने ज्ञानमन्दिरना भण्डारी सिवाय भाभापाडा भण्डारनी हस्त प्रतोतुं सूचिपत्र तैयार करीने ते भण्डारमा सोप्यु छे. ते, तेमज आ भण्डारनी प्रशस्तिओनु लखाण पण पूज्यपाद महाराजश्रीए तैयार करेलु अमारी पासे छे. ए पण क्रमे क्रमे प्रगट करवामां आवंशे. : अमे आ ग्रंथ प्रकाशित करी शकीए छीए ते पूज्यपाद मुनिवर्य श्री पुण्यविजयजी महाराजश्रीनी भावना अने जहेमतने प्रतापे ज. तेथी अमे तेओनो जेटलो उपकार मानीए तेटलो ओछो छे.
आ ग्रन्थना मुद्रण माटे संस्थाने रावबहादुर शेठ श्री पूनमचंद करमचंद कोटावाळा ट्रस्ट तरफथी वीस हजार रूपियानी सहाय मळी छे. आवी मोटी सहाय आपवा बदल अमे ट्रस्टनो अने एना ट्रस्टी महानुभावोनो अंतःकरणथी आभार मानीए छीए.
अही जणावेला भण्डारो जेमां सुरक्षितपणे मूकवामां आव्या छे ते श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमन्दिरने सद्गत शेठ श्री मोहनलाल मोतीचंदना सुपुत्रोए रू. २१००/-नो नकरो आपीने श्रीसंघ पासेथी जमीन लईने रू. ५१०००/-ना खर्चथी बंधावीने पाटण जैन श्रीसंघने अर्पित करेलुं छे. आ ज्ञानमन्दिर उद्घाटन साक्षरवर श्री कनैयालाल मा. मुनशीना हस्ते ता. ७-४-१९३९ शुक्रवारना दिवसे करवामां आवेलुं छे.
आ ग्रन्थनुं स्वच्छ अने सुघड मुद्रणकार्य खंत अने धीरजपूर्वक करी आपवा बदल अमे विरमगामना श्री राम-कृष्ण प्रिन्टिंग प्रेसना संचालक श्री रतिलालभाई अने श्री परमानंदभाई प्रत्ये कृतज्ञभाव व्यक्त करीए छीए.
पाटण (उत्तर गुजरात) ता. ७-४-१९७२
चीमनलाल हिम्मतलाल संघवी बी.ए. (ओनर्स), एल.एल.बी. मंत्री, श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमन्दिर
ग्रन्थगतं भण्डारोनो अनुक्रम भण्डारनाम श्रीसंघ जैन ज्ञानभण्डार लींबडीपाडा जैन ज्ञानभण्डार शुभवीर जैन ज्ञानभण्डार वाडीपार्श्वनाथ जैन ज्ञानभण्डार सागरगच्छ जैन ज्ञानभण्डार मोदी जैन ज्ञानभण्डार लहेरुभाई वकील जैन ज्ञानभण्डार प्रवर्तक कान्तिविजयजी जैन ज्ञानभण्डार यति श्री हिम्मतविजयजी जैन ज्ञानभण्डार श्रीसंघ जैन ज्ञानभण्डार (कच्छ देशमांथी खरीदेला ग्रन्थो) अदुवसीपाडा जैन ज्ञानभण्डार श्री माणिक्यसूरि जैन ज्ञानभण्डार खरतराचार्य श्री वृद्धिचन्द्रजी जैन ज्ञानभण्डार तपगच्छ जैन ज्ञानभण्डार विजयवल्लभसूरि जैन ज्ञानभण्डार पूर्णिमागच्छ जैन ज्ञानभण्डार
प्रन्थक्रमांक
१-३५०८ ३५०९-४०१४ ४०१५-६५२५ ६५२६-७३३२
७३३३-९९८५ ९९८६-१०३०८ १०३०९-१०८३० १०८३१-१२८४३ १२८४४-१२९१५ १२९१६-१३३२२ १३३२३-१३४३६ १३४३७-१३५०३ १३५०४-१४७८९
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१४७९०-२००३५
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