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580.1
चतुष्वष्टियोगिनीमन्त्रस्तोत्र
No. 579 = 158 (b)
Extent. -- fol. 12.
Description.-- Complete ; 13 verses in all. For other details see
No. 578.
Begins. fol. 14 ऐं नमः ॥
Supplement
Author. - Not known.
Subject.— A hymn of 64 Yoginis accompanied by their names and
mantras.
Ends. - fol. 12
ॐ (ॐ) दिव्ययोगी महायोगी | सिद्धयोगी युगेश्वरी । प्रेतांशी. डाकिनी काली । कालरात्री निलेश्वरी ॥ १ ॥ हुंकारी रौद्रवैताली । कंकाली भूतडंबरै ।
ऊर्ध्वकेसी विरूपाक्षी । शुक्लांगी नरभोजनै ॥ २ ॥ etc.
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चतुष्षष्टियोगिनीस्तुति
No. 580 = 158 (c)
Catussastiyogini
mantrastotra
685 (b).
1892-95.
अपुत्रो लभ्यते पुत्रान्निर्द्धनो धनवान् भवेत् । अशांतशांतमकर्य ( ? ) । त्वत्प्रसाद ( दे ) न न संसय ॥ १२ ॥ भूतवैतालसाध्याय | यक्षगंधर्व राक्षसी ।
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नस्यंति सकलान् रोगान् स्तुतिमंति न संसय ॥ १३ ॥ इति श्रीचतुःषष्टीयोगिनी मंत्रस्तोत्रं समाप्तं ॥ छ ॥
Catussastiyoginistuti
685 (c). 1892-95.
Extent. -- fol. 14.
Description.- Complete. For additional particualrs see No. 578.
Author.- Is he Dharmanandana?
Subject. - Eulogy of 64 yoginis along with their names.
1 For comparison see p. 348.
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