________________
Errata
443
Correct
1853 शिव
237
पंडित
संसिच्यमान: विदधति [यति]
248
261
की
Page Line Incorrect 227 271653 233 30 शवि.
___10 पंडित 247 23 संसिज्यमानः
[विदधति यति]
7 कीडं 261
8 चटचइ 274
20 25 274 25 30 27430 35 283 2 युगी 2837 भगुकच्छ
विजिग्वे
चटपह
भगुकन्छ
289
विजिग्ये
295
खंगाद्
संगाद
295
श्रेयःणेण
303
°पुर' नपरि 'सागरक्षेमजी
श्रेयःश्रेण. 'पुर' नयरि सागर क्षेमजी
330
30
337 343
tively Nami
359
7 18
359
lively Nemi Not modern 'प्रसन्नचंद्रददुरांक परलोक जुत्त
Samvat 1837. प्रसनचंद्रदर्दुरांक
374
376 384
12 27
परलोक जत्ति
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org