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V.S. 1774
Jaina Literature and Philosophy [228 The following works are in Gujarati :
(a) रास (4) (1) अशोकचन्द्र तथा रोहिणी (2) आनन्दमन्दिरचन्द केवली
v. S. 1770 (3) बार व्रत ग्रहण (टीप)
V. S. 1750 (4) रणसिंह राजर्षि
(b) देववन्दन (3) (I) गणधरस्तव (2) दिवाळी (3) मौन एकादशी
(c) स्वाध्याय दशविध यतिधर्म नरभवदश दृष्टान्त स्वाध्यायसंग्रह
(d) प्रकीर्षक कल्पव्याख्यान कल्याणमन्दिरस्तोत्र-गीतो चोवीसी तीर्थमाला
V. S. 1755 'पदसंग्रह
पन्दरतिथि-अमावास्या-स्तुति (१६) 'शान्तिजिनस्तबनादिसंग्रह साधुवन्दना
V. S. 1728 (e) बालावबोध of :(1) अध्यात्मकल्पद्रुम
v. S. 1770 (2) आनन्दघनचोवीसी
V. S. 1769 ) दीपोत्सवीकल्प
) दृष्टिविचारस्वाध्याय योगदृष्टिनी सज्झाय (5) नवतत्त्व
V. S. 1739 (6) पाक्षिकसूत्र
V. S. 1773 (7) प्रश्नद्वात्रिंशिकास्तोत्र (8) श्रमणसूत्र
v. S. 1743 (9) साही त्रण सो गाथातुं स्तवन
(10) मीमन्धरजिनस्तवन 1 For published works included heroin see Jaina Garjara Kavio ( Vol. II, pp. 334-336),
2-4 In प्राचीनस्तवनरत्नसंग्रह we come across several padas, stutis, stavanas and svādhyayas. 5Saptijinastavana is composed in V.8.1736.
V.S.1763
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