________________
428
Jaina Literature and Philosophy
and Philosophy
(1072.
(38) दिवसचरिमपत्याख्यान No. 941 fol. I91' (39) सामायिकसूत्र , 871 , , (40) सामायिकपौषधपारणगाथा ,, 883 ,, I91" (41) जय महायस , 875, ,, (42) श्रमणोपासकप्रतिक्रमणसूत्र ., 917 foll.,, to 192 (43) आयारीय उवज्झाए , 877 fol. 1920 (44) सिरिथंभणयपासनाहथुइ ,, 880 , 193* (45) अतिचार (46) श्रुतदेवतास्तुति (47) भुवनवासिनीदेवीस्तुति (48) क्षेत्रदेवतास्तुति (49) जय तिहुयणस्तोत्र foll. , , 194 (50) अजितशान्तिस्तव
, 194° ,, 1964. (51) उल्लासिकस्तोत्र (अजितशान्तिस्तोत्र)fol.196% ,, 196°. (52) नमिऊण
foll. 196° ,, 1974 (53) तं जयउ
,, 197%, 198. (54) मयरहियं (स्मरण) fol. 1983 ,, 178. (55) सिग्घमवहरउ
foll. 19 199*. (56) श्रावकविधि
___fol. 1999 ,, 199". (57) दानविधि
foll. 1990 ,, 200*. (58) नमस्कारफल (59) चतुःशरण
fol. 2
2014 ,, (60) संयममारी
, 202'. (61) अज्ञातनामधेय
202* ,, 204. (incomplete ) (62) चतुःशरण
,, 220* ,, 221. (incomplete) (63) सूक्ष्मार्थविचार
,, 22zb. (64) कर्मविपाक
229. (65) आगमिकवस्तुविचार
232. (66) कर्मस्तव
233. (67) कर्मस्तवभाष्य (68) शतक
,, 234* ,, 236. (69) सप्ततिका
, 236° ,, 239. (70) बन्धस्वामित्व
,, 239* ,, 240 (71) सङ्ग्रहणी
, 240*, 252.
, 20
, 201.
234
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org