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353.]
Hymnology: Svetambara works
361
Begins. fol. 39 ॥ ६० ॥ अथ श्रीबालात्रिपुरापद्धति लिख्यते || श्रीमद्दू
गुरू (रु)भ्यो नमः ॥
ब्रह्माणी कमलेंदु सौम्यवदना माहेश्वरी लीलया
कौमारी री (रि) पुदर्पनास (श)नकरी चक्रायुधा वैष्णवी । arret घनघोर घरमुखी ऐंद्री च वज्रायू (यु) घा
चामू(मुं)डा गणनाप्परूद्रसहीता रक्षतु मां मातुरे । The first line is gone कंटकान् भक्षति दुरितमू (ख) पहरति साधकान् पोषयंति ।
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Ends. fol. 39° ँ ऐं श्री हीँ त्रिपुरदेवि ! तद्महे की कामेश्वरीद्धीमहे xx x x x x x x त्रिजाप १०८ वार X जाप करवो स्वेत वस्त्र पहारी ॥ ॐ प्रथव्यां xxx लोकत्त्वं विघ्न xxx देवी पत्रीत्री चासनं कुरु ॥ १ ॥ अथ भूमीसूद्धिकरणमंत्रः । तँ सूरसी भूतद्धात्री सर्वभू. It ends thus .
बालात्रिपुरास्तोत्र
No. 353
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Extent. fol. 38b to fol. 39.
Description.- Complete ; 6 verses in all. For other details see Namaskāramantra ( Vol. XVII, pt. 3, No. 737 ).
Author.— śankarācārya.
Subject . - Glorification of Bala - Tripura. Is this a non-Jaina hymn? Begins. fol. 386 1 0 1
Balatripūrāstotra
575 (44).
1895-98.
Ends.- fol. 39
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46 [J. L. P.]
आयोतिध्वंद्वातरूपी प्रवलविकरी आत्मपापा विशुद्धै प्रत्यक्ष पीठमूली प्रलयजलधरी ब्रह्मश्वदेः सो सिद्धांतयुक्त सुरवर किरणे स्तोत्रसाकाररु (रू) वै
आई आनंदवल्लि अमृतकरतलिः आदिशक्ति: पराइ
मायामा यास्वरूपी स्फटिकमणिमयी मानतुंगी बहंगी । ज्ञानिज्ञानार्थरूपी नलिनपरिमलि नाइहु ( हु ) कारमंत्री
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भोगी [य] भोगासनास्थी (भु) बनवशकरी सुंदरी ऐ नमस्ते ॥ १ ॥ मालामंत्र कटाक्ष मम हृदयसुखी मत्तं (त्त) भावः प्रचंडी ब्याली यज्ञोपवीति निकटतटजडी वीरशक्तिर्भवानि । बाला बालेंदुली गजगमन गति: तूछवीणा X तंत्री
कालिकं कालरूपी गगन... तिः कारिणी क्लो नमस्ते ॥ २ ॥
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सृष्टिः स्थित्यंत(म्) र्त्तिसकलगुणानिधिः शक्तिरूपैर्नमस्ते ॥ ५ ॥
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