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पत्र संख्या
ोरोक्ष
ग्रंथान ।
विशेष नोंध
........१.२
५७४..
.१७६५
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..................छूटक पाना
५८१...--भक्तामा ५८२....
लोकागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग ग्रंथांक ग्रंथर्नु नाम
भाषा ५७३ ..... कल्याणमंदिर ........................
जीवराज ...... ५७३ पूज्य भास ...
जीवराज साधुवंदना पाचचंद्र ......
...१-३ ५७५. सप्तस्मरण ५७६ दान-शील-तप-भावना-संवाद + वृद्ध शांति.
समयसुंदर ............. ५७७ नवतत्त्य सह टब्बार्थ त्रूटक .............. ५७८ सिंदूरप्रकर ......
सोमप्रभाचार्य ......... चोवीसदंडक-विचार सह टब्बार्थ जीर्ण.. ५८०... प्रकीर्ण ज्योतिष लघुग्रंथ त्रुटक व स्फुट पन्ने.
भक्तामरस्तोत्र सह टब्बार्थ त्रूटक .........मानतुंगसूरि ...............सं. ...जिनहंससूरिगीत तथा साधुवंदना बेटक. पुण्यसार ......
....... ५८३....-ष्टि
वष्टि संवत्सरी................. ५८४... ...नवतत्व दण्डक लघुसंग्रहणी सह ........................
............ १९१० .......... ....... टब्बार्थ जीर्ण ५८५... गुराचार संक्रान्ति (ज्योतिष)..........
अजितशांतिस्तवन सह टवार्थ ............ सुरप्रियऋषिचौपई श्रमण प्रतिक्रमण सूत्र .....
.........मा. ............ कालकाचार्यकथा संग्रहणीसूत्र
श्रीचन्द्र ५९१..... चोवीसजिनगीत ............. राजसागर आदि ५९२ कल्याणमंदिरस्तोत्र सह अवधूरि
........... ५९३..... सुभाषित पद्यसंग्रह ............ ५९४ ..... महावीरजी स्तवन ............
भक्तामर मूल ...............................मानतुंगसूरि ...............सं. १७५९ ५९६ ..... प्रकीर्णगीत .......
१९०८ ५९७ ..... भववैराग्यशतक सह टब्बार्थ,
१८००
......१५ पाना नथी.
.१८७७
१८७४
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