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लोकागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग सी.डी. ग्रंथान । विशेष नोंध
| भाषा
झेरोक्ष
५९८ ...
संवत् । पत्र संख्या ....... १६४७.
...... १८४३ ............६२ .......... १७४९
..........१-६ .........१-१०
.....................छूटक पाना
........
............१-४
R
................... १६७३-१७२७
............ १७०३
६०७....
..छूटक पाना
२५४ ग्रंथांक
ग्रंथर्नु नाम --भद्रनंदिकुमारकथानक .....
मानवंती मानतुंग रास अपूर्ण ............ मोहनविजय विवाहपटल (ज्यो.).................. प्रियमेलक चौपाई त्रूटक .................
धरस्वामानाकागल वि. पदा.......................... मुनिमालिका............... हरि रस ................
इसर........... नलदमयंतीरास ............................ समयसुंदर ..... शर्बुजयउद्धाररास ....
नयसुंदर ....... पार्श्वनाथस्तुतिओ व निशानी ............ जिनहर्ष ६०८... पंचलिंगीप्रकरण सह टब्बार्थ त्रूटक,जीर्ण ६०९.... दान,शील तप,भावना, कुलक सहटब्बार्थ ६१०. चौद गुणस्थान ..... ६११..... क्षुल्लकऋषिसंबंध ......................... जिनसिंहसूरि. ६१२..... पद्मावतीक्षमापना ........................समयसुंदर...... ६१३..... सूक्तमाला अपूर्ण .......................... ६१४ ..... कर्मविपाक बालावबोध ............... ६१५.....
जंबुद्धीपसंग्रहणी और छूटक पत्र .......................... एकादशगुणस्थानाधिकार .....................
दशवैकालिकसूत्र .... ६१८... चौवीस चौक...
विवेकबिजय... ६१९ ... क्षेत्रसमास.......
सिद्धचक्रनवपदस्तवन ... ६२१ ग्रहभावप्रकाश (ज्यो.) त्रूटक
चेडा-कोणिक चौपाई ६२३ . परदेशीराजानो रास अपूर्ण ६२४... अनित्यकथा..... ६५.....पार्श्वनाथस्तुति त्रूटक ....
१-२०
...............छुटा पाना
६१६....
.१८७३
१-६
६१७...
१-२७
६०..
६२२...
रायचंट
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