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संवत्
। पत्र संख्या
झेरोक्षसी .डी. ग्रंथान
विशेष नोंध प्रति पाणीथी भीजाएली छे
-...
.. १८
...
११४७....
.
.प..२१३
.
..
......
.......
१५२५
११-१४|..११५४+११८९
जिनभद्रसूरि कागळनो हस्तलिखित ग्रंथ भंडार • जैसलमेर दुर्ग ग्रंथांका ग्रंथन नामस्थिति । कर्ता
भाषा| ११४४ ...... ज्योतिषसारणी.
............... मध्यम
...........सं. ११४५ ...... बासठमार्गणायंत्र...............
श्रेष्ठ, ११४६ ...... ऋषिमंडलस्तोत्र........................अजितशांतिस्तोत्र तथा .
--मध्य म ......................... गोडीपाश्र्धनाथस्तवन आदि ११४८ ... नारचंद्रज्योतिष ...... ...... श्रेष्ठ .....नरचंद्रसूरि ......... ११४९ .. मुहूर्त्तचिंतामणि.....
श्रेष्ठ...... रामदैवज्ञ ..... ११५० मुहर्तदीपक .........
जीर्ण .... भूद्रभादेव ............... ११५१ ज्योतिषसारणी....... किरातमहाकाव्य......
मध्यम ... भारवि विवाहपटल सस्तबक ......... मध्यम.. विवाहपटल ......
मध्यम .. --कर्णकुतूहल वृत्तिसह .....
सुमतिहर्षगणि न्यू...... .. बृहज्जातक...........
जीर्ण षष्टिसंवत्सर ..................
षष्टिसंवत्सरवृत्ति.................. |११५९ ..... भुवनदीपक ..............
जीर्ण .... पद्मप्रभसूरि |११६० ...... पंचांगतत्त्व व्याख्यासह ............... श्रेष्ठ |११६१ ..... वृद्धग्रहरत्नाकरहतिसंस्कारयंत्र ......... ११६२ ..... आशाधरसारणी .............. ११६३..... महादेवीसारणी....
जीर्ण ११६४ ... कल्पसूत्रनवमव्याख्यानबालावबोध......जीर्ण ....
गुज ११६५ .... आशाधर, ११६६ ..... सप्तस्मरणनी अनेक प्रतिओ ....... ११६७ ...... चंद्राीपद्धति ...........................
-मध्यम ... ११६८ ...... पटपंचाशिकाबालावबोध ................ जीर्ण .... ११६९ .......श्रीपतिसूत्रवृत्ति......
जीर्णप्राया
....... .१८५० .... .७२
....... पत्र ३, ४ नथी
जीर्ण... जीर्ण..
११५८ .....
ग्रं.१७३
६५
१४-२७
.... पत्र १.४ नथी
गुज.
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