SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 34
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ग्रन्थनाम क्र. ग्रन्थनाम २०९ भावश्यकचूर्णि २३१ ___ भवभावना स्वोपज्ञवृत्तिसह २६१ पार्श्वनाथचरित्र २३२ २९. सिद्धहेमळघुवृत्ति पंचमाध्याय २३३ ३०. , षष्ठ-सप्तमअभ्याय २६०(१) मरिष्टनेमिचरित २९८ , तृतीयाध्यायथी पंचम अध्याय २.८ पश्चाशकप्रकरणवृत्ति ३१४(१) जयदेवछन्दःशास्त्र ३१४(२) जयदेवछन्दःशास्त्रवृत्ति २२४(८) धर्मबिन्दुप्रकरणमूल ३१४(३) कइसिट्ठछन्दःशास्त्र २२५ धर्मबिन्दुप्रकरण वृत्तिसह ३१४(४) कइसिद्वछन्दःशास्त्रवृत्ति १९८ बहत्संग्रहणीप्रकरण सटीक ३२२ काव्यप्रकाश ३२३ १९३ बृहरक्षेत्रसमासप्रकरण ,, ३३१ अभिधावृत्तिमातृका प्रवचनसारोद्धार वृत्तिसह ३२६(२) अलंकारदर्पण आवश्यकवृत्ति प्र० खंड हारि० ३१६(१) कल्पलताविवेक तृतीय परिच्छेद द्वि० संड , ३१६(२) , चतुर्थ परिच्छेद २६५ समराइचकहा ३५४ गौडवहोमहाकाव्य सटीक धन्यशालिभद्रचरित्र ३४८ वासवदत्ताख्यायिका त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र तृतीयपर्वपर्यन्त ३७६(१) न्यायबिन्दु मूल तृतीय पर्व ३७६(२) न्यायबिन्दु टीका द्वितीय-तृतीयपर्व ३६५ न्यायकन्दलीटीका २४४ , ३७९ ४११ ३८० ११२ दशम पर्व धर्मोत्तरटिप्पनक २६४ पउमचरियं ३७४ न्यायप्रवेश मूल २०६ . . २३८ २४. " अष्टम पर्व ३७१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018005
Book TitleCatalogue of Sanskrit and Prakrit Manuscripts Jesalmer Collection
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1972
Total Pages522
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy