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________________ विशिष्ट पाठभेद न मळवाने कारणे मेळववानो समुचित प्रयत्न करीने जे ग्रन्थो संपूर्ण मेळव्या नथी तेनी यादी नीचे प्रमाणे २६ क्र० अन्धनाम क्र. ग्रन्धनाम ३६८ रत्नाकरावतारिका ४१४ मंगविषाप्रकीर्णक प्रथम खंड २४८ महावीरचरित्र १५ भगवतीसूत्रवृत्ति १(१-३) आचारांगसूत्र-नियुक्ति-वृत्ति , प्रथम खंड २(१-३) १३ , द्वितीय खंड आचारांगसूत्रचूर्णि १४ , २६ शतक पर्यन्त स्थानांगसूत्रवृत्ति ५२ कल्पवृत्ति प्रथम खंड जीवाभिगमसूत्रवृत्ति ५३ , द्वितीय खंड अनुयोगद्वारचूर्णि ५४ , तृतीय खंड १४९ अंगविद्याप्रकीर्णक ४. जे ग्रन्थोनी माइक्रोफिल्म लेवामां आवी के तेनी यादी नीचे प्रमाणे छे. रोल नं. १ १ निशीथचूर्णि, प्रथम खंड, पत्र ३३८ ७ जीवाभिगमसूत्र, पत्र १०२ २ , द्वितीय खंड, पत्र ४१९ ८ , लघुवृत्ति, पत्र १०३ थी १३५ ३ विशेषावश्यकवृत्ति, प्र. खंड, पत्र ३३५ ९ ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र, पत्र १४८ (मलधारीया) १० दशाश्रुतस्कन्धचूर्णि, पत्र १ थी ५० ४ , द्वि. खंड, पत्र ३२५ ११ दशाश्रुतस्कन्धसूत्र, ५० थी ९२ ५ कल्पबृहद्भाष्य, पत्र २०७ १२ पञ्चकल्पचूर्णि, १७४ थी २४९ ६ पिंडनियुक्ति, वृत्तिसह रोल नं. २ १३ जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति उपांग, पत्र ९७ १८ समवायांगसूत्र, पत्र ६४ १४ जंबूद्वीपप्रज्ञप्तिउपांगचूर्णि, पत्र ४० १९ ओघनियुक्तिबृहद्भाष्य, पत्र १०१ १५ निर्यावलिकादिपंचोपांगसूत्र, पत्र २५ २० कल्पबृहद्भाष्य, प्रथम खंड, पत्र ३११ १६ जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति उपांग, पत्र १६४ २१ तपोटमतकुट्टन आदि, पत्र २० १७ जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति उपांगचूर्णि, २२ न्यायावतारवृत्ति टिप्पणीसह, पत्र १६५ थी २३३ टिप्पणीकार-ज्ञानश्री (), पत्र १३७. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018005
Book TitleCatalogue of Sanskrit and Prakrit Manuscripts Jesalmer Collection
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1972
Total Pages522
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size10 MB
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