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छे. इस्वोसन १९१६मां श्री सी. डी. दलाले आ ज काष्ठपहिकानो नोध बडा भंडारमानी पर श्री जिनभद्रसूरिभंडारमांनी काष्ठपटिकारूपे लीधी छे. जुमओ गायकवाइस ओरियेन्टल सिरीक्षमा प्रकाशित 'जेसलमेरभाण्डागारीयग्रन्थानां सूचिपत्रम्'ना ३१मा पृष्ठमां आवेलो क्रमांक २५१, भने तेने सरखावो प्रस्तुत सूचोपत्रना ३६४मा पृष्ठना क्रमांक ने साथे.
वि. सं. १८०९ मां जेसलमेरना भंडारोनी टीप-सूची थएली, मे आ ग्रन्भना चोथा परिशिष्टरूपे आपी छे. आ सूचीमा डाबदानी ओळख माटे अपाता क्रमांक एक-बे आदिना बदले स्वस्तिकडाबडो, श्रीवत्सडाबडो मादि अष्टमंगलना नामथी ताबडानी ओळख आपवामां आवी. मा डाबडा आज पण आ भंडारमा विद्यमान छे.
प्रस्तुत सूचीमां आपेला भंडारोना संबंधमां घणु लखी शकाय तेम छे. ही बाचकोने एना महत्त्वनो सामान्यरूपे ख्याल आवे ते प्रती ढूंकमां हकीकतो जणावी हे.
सलमेरना भंडारोनी प्राचीन सूचीओ
जेसलमेरना भंडारोना संशोधनादि कार्यकाळमां पूज्यपाद आगमप्रभाकरजीने जेसलमेरना भंडारोनी बे प्राचीन सूचीओ पण मळेली.
____ आमांनी एक वि. सं. १८०९ मां थयेली छे अने ते आ ग्रन्थमा यथावत् मुद्रित करी छे. जुओ पृ० ४४१ थी ४५०.
बीजी सूची कपडवंज (गुजरात)ना शेठ नीहालचंदभाई नत्थूभाईना तरफथो मोकलेला, माणसूरगच्छाधिपति विजयगुणरत्नसूरि मारफत सुरतनिवासी मुनि श्री मोतीचंदजीए करेली छे. आ सूची पण आ ग्रन्थमा यथावत् मुद्रित करी छे. जुओ पृ. ४५१ थी ४६८.
आ बे सूचीओ उपस्थी जाणी शकाय छे के जेसलमेरना भंडारोना संबंधमां प्राचीन समयथी गवेषणा भने जिज्ञासा रहेली ज छे.
जेसलमेरमा पूज्यपाद आगमप्रभाकरजीन कार्य
पूर्वे जणाव्युं तेम श्री जिनभदसूरिज्ञानभंडार, वेगडगच्छीय ज्ञानभंडार भने वडाउपाश्रयनो भथवा पंचनो ज्ञानभंडार एम किल्लामां श्री संभवनाथजीना मंदिरना भोयरामा रहेला कुल त्रण ज्ञानभंडारोना समुद्धारनुं कार्य तथा ग्रन्थसंशोधनादि कार्य पूज्यपाद मागमप्रभाकरजी मुनिबर्ग श्री पुण्यविजयजी महाराज द्वारा तथा तेमना मार्गदर्शनमा थयु ते नीचे मुजब के.
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