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कृति उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम ९४२, पृ. ४०, पाणिनिव्याकरण महाभाष्य (अध्याय-७), प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ११-१२ भेगा छे.
कुल झे.पृष्ठ-३९ पाकाहेम ९४३, पृ. ३२, पाणिनिव्याकरण महाभाष्य (अध्याय-८), वि-१५४३, प्रतिपूर्ण पाण्डवचरित्रमहाकाव्य
आचार्य-देवप्रभसूरि मलधारीहर्षपुरीयगच्छ], सं., पद्यसर्ग१८, ग्रं.९८८४, आदि वाक्यः श्रियं विश्वत्रयत्राणनिष्णः पुष्णातु वः प्रभुः।...
कृ.विः विशिष्ट रचना प्रशस्ति. पाताहेसं ६५, पृ. १८८, पाण्डवचरित्र महाकाव्य, संपूर्ण
डीवीडी-६/१५ पाताहेसं ६६, पृ. २३१, पाण्डवचरित्र महाकाव्य, संपूर्ण
डीवीडी-६/१६ पाताहेसं १२३, पृ. ७९, पाण्डवचरित्र महाकाव्य सर्ग-३ पर्यन्त, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- (गायकवाड केटलॉगमां सर्ग १-४ अपूर्ण-एम आपेल छे.)
डीवीडी-७/१७ भांका २९४, पृ. १६६, पाण्डवचरित्र, वि-१४५१, पूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्रक्रम-४-३७८. प्रतिले.व.१४५१? विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. प्रथम पत्र नथी.
डीवीडी-९१ पातञ्जलयोगदर्शन जुओ - पातञ्जलयोगसूत्र, ऋषि-पतञ्जलि, संस्कृत पातञ्जलयोगदर्शनभाष्य जुओ - पातञ्जलयोगसूत्र-(सं.)पातञ्जलयोगदर्शनभाष्य, ऋषि-व्यास, संस्कृत पातञ्जलयोगसूत्र (पातञ्जलयोगदर्शन), (योगदर्शनसूत्र)
ऋषि-पतञ्जलि, सं.अध्याय४, आदि वाक्यः अथ योगानुशासनम्... तालाद ३४४-१, पृ. ७२, पातञ्जलयोगदर्शन-व्यासभाष्य, वि-१३मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३६, डीवीडी-९४/९६ पातञ्जलयोगसूत्र-(सं.)पातञ्जलयोगदर्शनभाष्य (व्यासभाष्य), (पातञ्जलयोगदर्शनभाष्य)
ऋषि-व्यास, सं., गद्य, आदि वाक्यः अथेत्ययमधिकारार्थो योगानुशासनम्... तालाद ३४४-१, पृ. ७२, पातञ्जलयोगदर्शन-व्यासभाष्य, वि-१३मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३६, डीवीडी-९४/९६ पातञ्जलयोगसूत्र-(सं.)पातञ्जलयोगदर्शनभाष्य (व्यासभाष्य), (पातञ्जलयोगदर्शनभाष्य)
ऋषि-व्यास, सं., गद्य, आदि वाक्यः अथेत्ययमधिकारार्थो योगानुशासनम्... तालाद ३४४-१, पृ. ७२, पातञ्जलयोगदर्शन-व्यासभाष्य, वि-१३मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३६, डीवीडी-९४/९६ पातालकलश-लवणशिखाविचार
प्रा., पद्य, गा.११, आदि वाक्यः पणनवइ सहस्साई ओगाहित्ता चउदिसि लवणं... पाताहेसं १६१- पे.क्र. १५, पृ. १८४-१८५, दशवैकालिकसूत्र आदि प्रकरण सङ्ग्रह, वि-१३८९, संपूर्ण
पे. विशेष- गाथा-११. प्रत विशेष- प्रान्ते कृतिओनी अनुक्रमणिका आपेली छे.
कुल झे.पृष्ठ-१७०, डीवीडी-८/१८ पात्रपरीक्षा
सं., पद्य, का.३१, आदि वाक्यः जीवादिपदार्थो यः समभावेन सर्वसत्त्वानां... पातासंघवी १६७-१- पे.क्र.८, पृ. १६-१८, प्रशमरतिप्रकरण आदि, संपूर्ण
डीवीडी-३६/५४ पादकौमुदी टीका जुओ - द्विसन्धानमहाकाव्य-(सं.)पादकौमुदी टीका, आचार्य-नेमिचन्द्र (दिगम्बर), संस्कृत, ग्रं.१२०००
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