________________ // एतेन पुरुषविभागेन श्रुतव्यवहारतो जीतकल्पयन्त्रम् / " इत्थं पुण'' (73) गाथा / / तपोरिह / 10 11 | 12 | 13 निरपेक्षः। आचार्यः कृतकरण आचार्यो 5- उपाध्यायः / उपाध्यायोकृतकरणः | कृतकरणः कृतकरण: गीतार्थः / गीतार्थः | गीतार्थो 5 | गीतार्थों- अगीतार्थः | अगीतार्थः | अगीतार्थो | अगीतार्थों स्थिरः स्थिरोऽकृ- | स्थिर:कृ- | स्थिरोऽकृ- | स्थिरः कृ- स्थिरोऽक- | ऽस्थिरः | ऽस्थिरोकृतकरणो तकरणो / तकरणो | तकरणो | तकरणो / तकरणो | कृतकरणो |ऽकृतकरणो भिक्षुः / भिक्षुः | भिक्षुः / भिक्षुः / भिक्षुः | भिक्षुः | भिक्षुः | भिक्षुः 1 0 पाराश्चिक अनवस्थाप्य | अनवस्थाप्य, 2 | 0 / अनवस्थाप्य | मूल / मूल | 3 | मूल 2157 - अभिधानराजेन्द्रः - भाग 4 15 2015 10 10 * 11 25 10 10 / 5 12 20 | 10 13, 15 10 10 तपोरिह