________________ आता 230 अभिधानराजेन्द्रः भाग२ आता आo. आ.१ आ०१ नो०३ नो०१ | अव 1 वपर्यवो देशश्वोभयपर्यवस्ततोऽसौ, आत्मा चावक्तव्यं चेति 5, तथा तस्यैव देश आदिष्टोऽसद्भावपर्यवो देशस्तूभयपर्यव-स्ततोऽसौ नोआत्मा चावक्तव्यं च स्यादिति 6, सप्तम:पुनरात्मा च नोआत्मा चावक्तव्यं चेत्येवं रूपोन भवति द्वि-प्रदेशिकेद्यंशत्वादस्य, त्रिप्रदेशिकादौ तु स्यादिति सप्तभङ्गी। आया भन्ते! तिपदेसिए खंधे अण्णे तिपदेसिए खंधे? गोयमा! तिपदेसिए खंधे सिय आया, सिय णो आया२, सिय अवत्तव्वं आयातिय णो आयाति य 3, सिय आया य णो आया य 4, सिय आया य णो आयाओ य५, सिय आयाओ य णो आया य६, सिय आया य अवत्तवं आयातियणो आयाति य७, सिय आयाइ य अवत्तव्वाइं आयाओ य णो आयाओ य८, सिय आयाओ य अवत्तव्वं आयातियणो आयातिय९, सिय णो आयाय अक्त्तवं आयातियणो आयाति य 10, सिय आया य अवत्तव्वाई आयाओ यणो आयाओ य११, सिय णो आयाओ य अवत्तव्वं आयातिय जो आयाति य 12, सिय आया यणो आया य अवत्तव्वं आयाति यणो आयाति य 13, से केणऽद्वेण मंते ! एवं वुचइ तिपदेसिए खंधे सिय आया एवं चेव उच्चारेयव्वं जाव सिय आया य णो आया य अवत्तव्वं आयातियणो आयाति य? गोयमा! अप्पणो आदितु आया?, परस्स आदिढे णो आया२, तदुभयस्स आदिष्टे अवत्तवं आयाति य णो आयाति य 3, देसे आदिढे सब्भावपज्जवे देसे आदिढे असभावपज्जवे तिपदेसिए खंधे आया य णो आया य 4, देसे आदितु सब्भावपज्जवे देसा आदिवाअसन्भावपज्जवे तिपदेसिएखंधे आया यणो आयाओ य, देसा आदिट्ठासम्भावपज्जवे देसे आदिढे असब्भावपज्जवे तिपदेसिए खंधे आयाओ य णो आया य 6, देसे आदिढे सब्भावपज्जवे देसे आदितु तदुभयपज्जवे तिपदेसिएखंधे आया य अवत्तवं आयाति य णो आयाति य 7, देसे आदिढे सब्भावपज्जवे देसा आदिट्ठा तदुभयज्जवा तिपदेसिए खंधे आया य अक्त्तव्वाइं आया उ य णो आयाउ य८, देसा आदिट्ठा सन्मावपज्जवा देसे आदितु तदुभयपज्जवे तिपदेसिए खंधे आयाओ य अवत्तय्वं आयाति य णो आयाति य९, एए तिण्णि भंगा देसे आदितु असम्भाव-पज्जदे देसे आदिट्टे तदुभयपज्जवे तिपदेसिए खंघे णो आया य अवत्तव्वं आयाति यणो आयातिय 90, देसे आदिडे असम्भावपज्जवे देसा आदिवा तदुभय-पज्जवा तिपदेसिएखंधे णो आयाय अवत्तट्वाइं आयाउ यणो आयाउय११, देसा आदिवा असब्भावपज्जवादेसे आदिटे। तदुभयपज्जवे तिपदेसिएखंघे णो आयाओय अवत्तव्वं आयाति यणो आयाति य 12, देसे आदिढे सम्भावपज्जवे वेसे आदिट्टे असन्मावपज्जवे देसे आदिट्टे तदुभयपज्जवे तिपदेसिए खंधे आया य णो आया य अवत्तव्वं आयाति य णो आयाति य 13, से तेणढणं गोयमा ! एवं दुचइ-तिपदेसिए खंधे सिय आया तं चेकजावणो आयातिय। त्रिप्रदेशिकस्कन्धे तु त्रयोदशभङ्गास्तत्र पूर्वोक्तेषु सप्तस्वाद्या: सकलादेशास्त्रयस्तथैव तदन्येषुतुत्रिषुत्रयस्त्रय एकवचन-बहुवचनभेदात् सप्तमस्त्वेकविध एव स्थापना चेयम्यचेह प्रदेशद येऽप्येक-वचनं क्वचित्तत्तस्य प्रदेशद्यस्यैक-प्रदेशाव .00 .0.00 गाढ त्वादिहेतुनैकत्वविवक्षणात्, भेदविवक्षायां च हुवचनमिति / आया भंते, चउप्पदेसिए खंधे अण्णे, पुच्छा, गोयमा ! चउप्पदेसिए खंधे सिय आया१, सिय णो आया२, सिय अवत्तव्वं आयाति य णो आयाति य३, सिय आयाय णो आया य 4, सिय आया य अवत्तव्वं 4, सिय णो आया य अवत्तव्वं 4, सिय आयाय णो आया य अवत्तट्वं आयाति य णो आति य 16 सिय आया य जो आया य अवत्तव्वाइं आयाओ य णो आयाओ य 17, सिय आयायणो आयाओय अवत्तव्यं आयाति य णो आयातिय 18. सिय आयाओ य णो आया य अवत्तव्वं आयातिय णो आयाति य 19, से केणऽटेणं भंते ! एवं दुबइ- चउप्पदेसिए खंधे सिय आया य णो आयाय अवत्तट्वं, तं चेव अढे पडिउचारेयव्वं ? गोयमा ! अप्पणो आदिटे आया 1, परस्स आदिट्टे णो आया 2, तदुभयस्स आदितु अवत्तव्वं आयाति य णो आयाति य 3, देसे आदिढे सम्भावपज्जवे देसे आदितु असम्भावपज्जवे / चउमंगो, सम्भाव-पज्जवेणं तदुभएण य 4, चउभंगो, असम्भावेणं तदुभएण य 4, चउभंगो, देसे आदिढे सम्भावपज्जवे देसे आदितु असम्भावपज्जवे देसे आदिढे तदुभय-पज्जवे चउप्पदेसिए खंधे आया य णो आया य अवत्तव्वं आयातियणो आयातिय 16, देसे आदितु सब्भावपज्जवे देसे आदिट्टे असम्भावपज्जवे देसा आदिट्ठा तदुभयपज्जवा चउप्पदेसिए खंधे भवइ आया य णो आय य