SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 414
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अज्झत्थदंड 230- अभिधानराजेन्द्रः - भाग 1 अज्झप्पिय द्वान अज्झत्थदंड-पुं०(अध्यात्मदण्ड) अष्ठमे क्रियास्थाने, प्रश्न०५ संव० अज्झप्पओगसुद्धादाण-त्रि०(अध्यात्मयोगशुद्धादान) शुद्ध-चेतसा विशुद्धान्तःकरणे. सूत्र० 1 श्रु०१६ अ०) अज्झत्थदोस-पुं०(अध्यात्मदोष) कषाये, सूत्र० 1 श्रु०६ अ०। अज्झप्पकिरिया-स्त्री०(अध्यात्मक्रिया) अष्टमे क्रियास्थाने, स्था० अज्झत्थबिंदु-पुं०(अध्यात्मबिन्दु) स्वनामख्याते ग्रन्थभेदे, अष्ट०१४ | 5 ठा०२ उ०। अष्ट। अज्झप्पजोग-पुं०(अध्यात्मयोग) सुप्रणिहितान्तःकरणतायां अज्झत्थमयपरिक्खा-स्त्री०(अध्यात्ममतपरीक्षा) यशो वि धर्मध्याने, सूत्र० 1 श्रु०१६ अ०) जयवाचकेन कृते ग्रन्थविशेषे, प्रति०। अज्झप्पजोगसाहणजुत्त-पुं०(अध्यात्मयोगसाधनयुक्त) अज्झत्थरय-त्रि०(अध्यात्मरत) प्रशस्तध्यानासक्ते, दश०१० अ०) चितैकाग्रतादि भाजि, उत्त० 26 अग अज्झत्थवत्तिय-पुं०(अध्यात्मप्रत्ययिक) अष्टमे क्रियास्थाने, सूत्र०२ अज्झप्पजोगसुद्धादाण-त्रि०(अध्यात्मयोगशुद्धादान) शुभभावेन श्रु०१२ अ०। विशुद्धचारित्रे, सूत्र०१ श्रु०१६ अ०) अज्झत्थवयण-न०(अध्यात्मवचन) षोडशवचनानां सप्तमे वचने, अज्झप्पझाणजुत्त-त्रि०(अध्यात्मध्यानयुक्त) प्रशस्तध्यानो-पयुक्ते, आचा०२ श्रु०४ अ०१ उ०। प्रश्न०५ संव० द्वारा अज्झत्थविसीयण-न०(अध्यात्मविषीदन) संयमकष्टमनुभूय मनसि अज्झप्पदंड-पुं०(अध्यात्मदण्ड) शोकाभिभवरूपे अष्ट मे विषण्णीभवने, सूत्र० 1 श्रु० 3 अ० 3 उ० (विवृतिरस्य क्रियास्थाने, प्रश्न० 5 संव० द्वान 'अज्झतविसीयणं' शब्दे निरूपिता) अज्झत्थविसुद्ध-त्रि०(अध्यात्मविशुद्ध) सुविशुद्धान्तःकरणे, सूत्र०१ अज्झप्पदोस-पुं०(अध्यात्मदोष) कषाये, सूत्र०१ श्रु०६ अ०। श्रु० 4 अ०२ उ०। अज्झप्पबिंदु-पुं०(अध्यात्मबिन्दु) यथार्थनामाभिधेये स्वनाम-ख्याते अज्झत्थविसोहिजुत्त-त्रि०(अध्यात्मविशोधियुक्त) विशुद्ध भावे, ग्रन्थे, अष्ट० 14 अष्टा ओ। अज्झप्पमयपरिक्खा-स्त्री०(अध्यात्ममतपरीक्षा) यशोविजयकृते अज्झत्थवे इ(ण) -त्रि०(अध्यात्मवेदिन्) सुखदुःखादेः ग्रन्थविशेषे, प्रतिम स्वरूपतोऽवगन्तरि, आचा०१ श्रु०१ अ०७ उ०) अज्झप्परय-त्रि०(अध्यात्मरत) प्रशस्तध्यानासक्ते, दश०१० अ०॥ अज्झत्थसंवुड-त्रि०(अध्यात्मसंवृत) स्त्रीभोगाऽदत्तमनसि, अज्झप्पवत्तिय-पुं०(अध्यात्मप्रत्ययिक) अष्टमे क्रियास्थाने सूत्र०२ सूत्रार्थोपयुक्तनिरुद्धमनोयोगे च। आचा० 1 श्रु०५ अ० 4 उ०) श्रु०२० अज्झत्थसम-त्रि०(अध्यात्मसम) अध्यात्मानुरूपे परिणा- अज्झप्पवयण-न०(अध्यात्मवचन) हृदयगते वचनभेदे, षोडशवचनानां मानुसारिणि, व्य०२ उ० सप्तममिदम्। आचा०२ श्रु०४ अ०१ उ०॥ अज्झत्थसुइ-स्त्री०(अध्यात्मश्रुति) चित्तजयोपायप्रतिपादन-शास्त्रे, | अज्झप्पविसीयण-न०(अध्यात्मविषीदन) संयभकष्टमनुभूय मनसि प्रश्न०१ संव०द्वा० विषण्णीभवने, सूत्र०१ श्रु०३ अ०३ उ०। अज्झत्थसुद्धि-स्त्री०(अध्यात्मशुद्धि) चेतःशुद्धौ, आ०चू०१ अ०) अज्झप्पविसुद्ध-त्रि०(अध्यात्मविशुद्ध) सुविशुद्धान्तःकरणे, सूत्र०१ अज्झत्थसोहि-स्त्री०(अध्यात्मशोधिन्) चेतःशुद्धौ, आ०चू० श्रु०५ अ०१ उ०। १अ० अज्झप्पविसोहिजुत्त-त्रि०(अध्यात्मविशोधियुक्त) विशुद्धभावे, अज्झत्थिय-त्रि०(आध्यात्मिक) आत्मविषये, आ०म०प्र०। ओघo आन्तरोपायसाध्ये सुखदुःखादौ, स्या०। अज्झप्पवेइ(ण)-त्रि०(अध्यात्मवेदिन) सुखदुःखादेः स्वअज्झत्थियवीरिय-न०(आध्यात्मिकवीर्य) उद्यमधृत्यादौ, सूत्र० रूपतोऽवगन्तरि, आचा० १श्रु०१अ०७ उ०। १श्रु०८ अग अज्झप्पसंवुड -त्रि०(अध्यात्मसंवृत्त)स्त्रीभो गादत्तमनसि, अज्झत्थोवाहिसंबन्ध-पुं०(अध्यस्तोपाधिसम्बन्ध) आत्मनि सूत्रार्थोपयुक्तनिरुद्धमनोयोगे च। आचा०१ श्रु०५ अ० 4 उ०। प्राप्तपुद्गलसंसर्गजकर्मोपाधिसम्बन्धे, "निर्मलं स्फटिकस्येव, सदृशं रूपमात्मनः। अध्यस्तोपाधिसम्बन्धो, जडस्तत्र विमुह्यति'' ||1|| अष्ट० अज्झप्पसम-त्रि०(अध्यात्मसम) अध्यात्मानुरूपे परिणामा४ अष्टा नुसारिणि, व्य०२ उ०॥ अज्झप्प-न०(अध्यात्म) चेतसि, दश० 1 अ० ध्याने, आव० / अज्झप्पसुइ-त्रि०(अध्यात्मश्रुति) चित्तजयोपायप्रतिपादनशास्त्रे, ५अ० प्रश्न०१ संव० द्वा०॥ अज्झप्पओग-पुं०(अध्यात्मयोग) अन्तःकरणशुद्ध धर्मध्याने, सूत्र० अज्झप्पसुद्धि-स्त्री०(अध्यात्मशुद्धि) चेतःशुद्धौ, आ०चू० 1 अ०। १श्रु०१६अ। अज्झप्पसोहि-त्रि०(अध्यात्मशोधि) भावशुद्धौ, आ०चू० 1 अ०। अन्झापओगसाहणजुल-पुं०/अध्यात्मयोगसाधनयुक्त) शुभचेतसा ) अज्झप्पिय-त्रि०/आध्यात्मिक) आत्मनि क्रियमाणे आन्तरीविशुद्धचारित्रे, सूत्र० 1 श्रु०१६ अ० पायसाध्ये सुखदुःखादौ, आचा०२ श्रु०१३ अ०।
SR No.016143
Book TitleAbhidhan Rajendra Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayrajendrasuri
PublisherRajendrasuri Shatabdi Shodh Samsthan
Publication Year2014
Total Pages1078
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy