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सैया); लगानगी (सी०) परायापन; ~गाना (वि०) । 1 गैर, पराया 2 अनजान (जैसे-बेगाना दोस्त); ~गार बिना दाढ़ीवाला; दाना I (वि०) बिना दानों का, बिना बीज (सी०) बिना मजदूरी के बलपूर्वक करवाया जानेवाला काम; का; II पतले छिलकेवाला अनार 2 एक तरह का शहतूत;
~गुन + हिं० (वि०) 1 गुणरहित; ~गुनाह I (वि०) दाम + हिं० I (वि०) बिना कीमत का II (क्रि० वि०) निरपराध, बेकसूर II (क्रि० वि०) बिना अपराध के, बिना मूल्य दिए; -दिल (वि०) उदास, खित्र; दिली अकारण; घर, घरबार + हिं० (वि०) बिना घर का; (स्त्री०) उदासी, खित्रता; दीदा (वि०) अंधा; -दीन +
घर-दर + हिं० + फ्रा० (वि०) गृहहीन; घरा + हिं० अ० (वि०) धर्म को न माननेवाला; ~धड़क + हिं० । (वि०) = बेघर; -चैन + हिं० (वि०) व्याकुल, बेकल; (क्रि० वि०) 1 निर्भय होकर 2 बिना सोचे समझे II (वि०)
चैनी + हिं० (स्त्री०) व्याकुलता, बेकली; चोबा 1निडर 2 निद्व; ~धर्म + सं० (वि०) धर्मभ्रष्ट; ~ध्यानी (पु०) बिना खंभे का खीमा; जड़ + हिं० (वि०) निर्मूल; + सं० + हिं० (स्त्री०) असावधानी; नकाब (वि०)
जबान (वि०) 1 न बोलनेवाला, मूक 2 दीन; ज़मीन 1 नंगा 2 बेशर्म; लज़ीर + अ० (वि०) = बेमिसाल; (वि०) भूमिरहित; जला + हिं० (वि०) बिना जली हुई नमक (वि०) बेमज़ा, फीका; सीव + अ० (वि०) (जैसे-बेजला सिगरेट); जा (वि०) अनुचित (जैसे-बेजा भाग्यहीन, अभागा; नागा (क्रि० वि०) लगातार, नित्य; हरकत); ~जान (वि०) 1 निर्जीव, मृत 2 बेदम, अशक्त; नाप + हिं. बिना नाप का; नाम (वि०) गुमनाम;
जाता (वि०) अवैघ, कानून विरोधी; ~ज़ार (वि०) नामोनिशान (वि०) बेपता; -पढ़ा-लिखा + हिं० 1 अप्रसन्न 2 खित्र 3 नाराज़, विमुख; जून + हिं० (क्रि० (वि०) अनपढ़; -नियाज़ (वि.) निःस्पृह; पता + हिं० वि०) कुसमय, बेमौका; ~जोड़ + हिं० (वि.) 1 बिना (वि०) बिना ठौर-ठिकाने का; पनाह (वि०) 1 निराश्रय जोड़ का 2 लाजवाब 3 बेमेल; जोत + हिं० (वि०) बिना 2 बिना रक्षा का; ~पर (वि०) बिना पंख का; परदा जोता हुआ; झिझक + हिं० (क्रि० वि०) निःसंकोच; (वि०) 1 परदे से बाहर 2 प्रकट, खुला 3 निर्लज
टिकट + अं० (वि०) बिना टिकट का (जैसे-बेटिकट (जैसे-बेपरदा औरत); परवा (वि०) 1 बेफ़िक्र यात्री); ~ठिकाने + हिं• I (वि०) 1 अपने स्थान पर न 2 लापरवाह; परवाई (स्त्री०) 1 बेफ़िक्री 2 लापरवाई; रहनेवाला, स्थानच्युत 2 बिना ठौर-ठिकाने का 3 असंगत परवाह + हिं० (वि०) = बेपरवा; परवाही + हिं० + II (क्रि० वि०) 1 अनुपयुक्त अवसर पर, बेमौके फ्रा० (स्त्री०) = बेपरवाई;बाप + सं० (वि०) बिना पिता 2 अनुपयुक्त स्थान पर; ~ठीक + हिं० (वि०) का; पीर I +हिं (वि०) = बेरहम, निर्दय; 1 अनपयुक्त 2 अनुचित; ~ठौर, ~ठौर-ठिकाने + हिं० II (वि.) निगुरा; पेंदी + हिं० (वि०) बिना तली का (वि०) = बेठिकाने; ~डौल + हिं० (वि०) भद्दा, कुरूप; (जैसे-बेपेंदी का लोटा); ~फायदा + अ० (वि०) बिना पंगा + हिं० (वि.) 1 बुरे ढंग का 2 अव्यवस्थित 3 भद्दा; लाभ का, बेकार; फ़िक्र + अ० (वि०) निश्चता, बेपरवा;
व + हिंI (वि०) 1 निराले ढंग का 2 भद्दा, भोंडा । | -फ्रिक्री + अ + फ़ा० (स्त्री०) निश्चितता; बस + (क्रि० वि०) 1 अनुचित रूप में 2 अनुपयुक्त रूप से हिं० (वि०) विवश, लाचार; सी + हिं० (स्त्री०) 3 अनावश्यक रूप से; तकल्लुफ़ी (स्त्री०) सादगी, विवशता, लाचारी; बाक (वि०) निडर, ढीठ; बाकी सरलता; तकसीर (वि०) निर्दोष, निरपराध; तमीज़ी (स्त्री०) निडरता, धृष्टता; बुनियाद (वि०) 1 बेजड़, + अ० (वि०) = बेअदब; ~तमीज़ + अ + फ़ा० निर्मूल 2 आधार रहित; ~भाव + सं० I (क्रि० वि०) (स्त्री०) = बेअदबी; तरतीब + अ० (वि०) क्रमरहित, बेहिसाब II (वि०) बहुत अधिक, बेहद; ~मज़ा (वि०) अव्यवस्थित; तरह + अ० (क्रि० वि०) 1 विकट रूप से 1 नीरस और फीका 2 आनंद रहित 3 रंग में भंग हुआ; 2 असाधारण रूप से; ~तहाशा + अ० (क्रि० वि०) मतलब + अ० I (क्रि० वि०) निष्प्रयोजन, बेकार 1 अचानक और वेगपूर्वक 2 बिना सोचे-समझे ताज II (वि०) निरर्थक, व्यर्थ का; ~मन + हिं1 (क्रि० वि०) (वि०) बिना मुकुट का (जैसे-बेताज बादशाह); लतादाद बिना मन लगाए II (वि०) बिना मन का; ~मानी + अ० + अ० (वि०) बेशुमार, अनगित; ~ताब (वि०) 1 बिना (वि०) 1 अर्थरहित 2 बेकार, बेमतलब; मिसाल + अ० सब्र का 2 व्याकुल, विकल 3 परम उत्सुक; ताबी (स्त्री०) (वि०) अद्वितीय, अनुपम; ~मुरुव्वत + अ० (वि०) 1 बेताब होने की अवस्था 2 विकलता 3 परम उत्सुकता; 1 बेलिहाज़ 2 तोताचश्म; ~मेल + हिं० (वि०) अनमेल,
तार + हिं० (वि०) बिना तार का (जैसे-बेतार का तार, बेजोड़; ~मौक़ा + अ० I (वि०) मौके पर न होनेवाला बेतार का यंत्र); ताला + हिं० (वि०) 1 बिना ताल का II (क्रि० वि०) बिना मौके का III (पु०) उपयुक्त अवसर गाने बजानेवाला 2 ताल के अनुसार न होनेवाला; ~तुका + का अभाव; ~मौके + अ० (क्रि० वि०) असमय; हिं० (वि०) 1 बेमेल, असंगत 2 बिना अवसर का ~मौसम + अ० (वि०) बिना मौसम का; रंग (वि०) (जैसे-बेतुकी बात) 3 अनुचित बात कहनेवाला (जैसे-बेतुका निर्लज्ज, बेशर्म; ~रस + सं० (वि०) रसहीन, बेमज़ा; इंसान) 4 तुकरहित; तुकी + हिं० (स्त्री०) असंगत बात; रहम + अ० (वि०) निर्दय, निष्करुण; ~रहमी + अ०
दखल + अ० (वि०) पदच्युत, अधिकार च्युत; __ + फ़ा० (स्त्री०) निर्दयता, सख्ती; राह (वि०) 1 पथभ्रष्ट
दखली + अ० + फ़ा० (स्त्री०) अधिकार च्युत करना, 2 कुचाली; ~रुखी (स्त्री०) नाराज़गी; रेशा (वि०) पदच्युत करना; दम (वि०) 1 अत्यंत दुर्बल 2 निर्जीव, बिना रेशे का; रोक, रोकटोक + हिंI (वि०) बिना मुर्दा; दर्द (वि०) 1 निर्दय 2 ज़ालिम; ~दर्दी (स्त्री०) | रुकावट का II (क्रि० वि०) स्वच्छंद रूप में रोजगार