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खरीद
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खस
खरीद-फा० (स्त्री०) 1 खरीदने का काम, क्रय 2 जो कुछ । खल-बल-(पु०) 1 शोर, हल्ला 2 कुलबुलाहट 3 खलबली खरीदा जाए वह सामान (जैसे-थोक ख़रीद, नक़द ख़रीद)। खलबलाना-I (अ० क्रि०) 1खल-खल शब्द करना
दार (पु०) = ख़रीदार; दारी (स्त्री०) = ख़रीद; 2 उबलना, खौलना 3 कुलबुलाना II (स० क्रि०) हलचल ल्लामा (पु०) ~फरोखल, ~बिक्री + हिं०, बेच + उत्पन्न करना हिं० (स्त्री०) (जैसे-गुलामों की खरीद फरोख्त करनेवाला) खलबलाहट-(स्त्री०) = खल-बल खरीदार-फा० (पु०) 1 ग्राहक 2 चाहनेवाला
खलबली-(स्त्री०) 1 खलबल होने की अवस्था, हड़बड़ी खरीदारी-फा० (स्त्री०) खरीदने का काम (जैसे-खरीदारी (जैसे-भूख से पेट में खलबली होना) 2 हलचल 3 क्षोभ हल्की पड़ना)
(जैसे-खलबली उत्पन्न होना) खरीफ़-अ० (स्त्री०) असाढ़-सावन एवं कातिक-अगहन खलल-अ० (पु०) बाधा, रुकावट, अड़चन (जैसे-खलल
महीनों के बीच उत्पादित फ़सल (जैसे-खरीफ़ की बुआई) डालना)। ~अंदाज + फ़ा० (वि०) बाधा पैदा करनेवाला, खरोंच-(स्त्री०) 1 त्वचा का छिल जाना, खराश 2 खराश का रुकावट डालनेवाला; दिमाग़ सनक, पागलपन निशान (जैसे-खरोंच पर)
खलाना-(स० क्रि०) बो० 1 खाली करना 2 बाहर निकालना खरोंचना-(स० क्रि०) 1 खुरचना 2 छीलना
(जैसे-कुएँ से पानी खलाना) 3 फँसाना खरोंट-(स्त्री०) खरोंच
खलार-(वि०) नीचा, गहरा (जैसे-खलार भूमि) खरोंटना, खरोचना, खरोटना-(स० क्रि०) = खरोंचना खलास-अ० (पु०) 1 छुटकारा, मुक्ति 2 समाप्त, खतम खरोष्टी, खरोष्ठी-सं० (स्त्री०) दाहिनी ओर से बाईं ओर लिखी 3 खाली जानेवाली एक प्राचीन लिपि, गांधार लिपि
खलासी-I अ० + फ़ा० (स्त्री०) मुक्ति, निवृत्ति II (पु०) । खर्च, खर्चा-फा० (पु०) 1 व्यय 2 पैसे, धन आदि का किसी जहाज़ी मज़दूर (जैसे-कुली-खलासी) कार्य में लगना (जैसे-उत्पादन का ख़र्च) 3 आवश्यक कार्यों खलियान-(पु०) 1 काटी हुई फसल के रखने का स्थान में लगनेवाला पैसा (जैसे-अतिरिक्त ख़र्च)। -निर्धारक + 2 काटी गई फसल के माँडने का स्थान। ~करना फ़सल का सं० (वि०) आय-व्यय का ब्यौरा रखनेवाला (जैसे-ख़र्चा ढेर लगाना निर्धारक समिति); ~उठाना भार वहन करना; जुटाना खलियाना-I (स० क्रि०) खाल उतारना II (स० क्रि०) = धन एवं पैसा एकत्र करना; ~खर्चे में डालना अतिरिक्त खलाना कार्यों में खर्च हेतु रखना
खलिश-फ़ा० (स्त्री०) 1 चुभन 2 कसक 3 रंजिश, बैर खर्ची-फ़ा० + हिं० (स्त्री) = ख़रची
खलिहान-बो० (पु०) = खलियान खर्चीला-फा० + हिं० (वि०) = खरचीला
खली-(स्त्री०) खल, तेल आदि की तलछट खर्जु-सं० (स्त्री०) खुजली
खलीज-अ० (स्त्री०) खाड़ी खर्जूर-सं० (पु०) खजूर का पेड़ एवं फल
खलीता-अ० (पु०) ख़रीता, थैली खर्पर-सं० (पु०) 1 खोपड़ा 2 खप्पर नाम का पात्र खलीफ़ा-अ० (पु०) 1पैगंबर का उत्तराधिकारी खर्ब-सं० (वि०) 1 विकलांग 2 लघु, छोटा 3 ठिंगना 2 उत्तराधिकारी 3 धूर्त व्यक्ति 4 बौना
खलेल-(पु०) फुलेल में व्याप्त खली का वह अंश जो निथारने खर्बट-सं० (पु०) पहाड़ी बस्ती
से ही प्राप्त होता है खर्रा-(पु०) 1लंबा चिट्ठा 2 मसौदा 3 विवरण
खल्क-अ० (पु०) = ख़लक खर्राटा-(पु०) सोते समय मुँह से निकलनेवाली खर-खर | खल्त-मल्त-अ० (वि०) मिला-जुला, गड्ड-मड्ड ध्वनि। ~भरना, ~मारना बेसुध होकर सोना
खल्ल-सं० (पु०) 1 चमड़ा 2 मशक 3 खरल खर्व-सं० (पु०) 1 खरब 2 टुंडा 3 नाटा
खल्लड़-(पु०) 1 मृत पशु की उतारी गई खाल 2 मशक, खल-सं० (वि०) 1 दुष्ट, दुर्जन, पाजी, लुच्चा 2 अधम, नीच थैला 3 खरल 3निर्लज्ज 4 धोखेबाज 5 चुगलखोर। नायक (पु०) | खल्व-(पु०) गंज नायक का प्रतिद्वंद्वी
खल्वाट-(वि०) गंजा खल-बो० (पु०) = खरल
खवा-(पु०) कंधा। खवे से छिलना धक्का लगना खलक-अ० (पु०) 1 संसार 2 संसार के सभी लोग, लोक खवाई-(स्त्री०) खाने की क्रिया समूह
खवास-अ० (पु०) 1 विशिष्ट लोग, चुने हुए लोग 2 ख़ास खलकत-अ० भीड़
खिदमतगार, अंतरंग सेवक [स्त्री खवासिन].. खल-खल-(पु०) 1 उँडेलने की आवाज़ 2 खिलखिलाकर खवासी-अ० + फ़ा० (स्त्री०) 1 ख़वास का काम एवं पद हैसने की ध्वनि
2 नौकरी 3 गाड़ी में खवास के बैठने की जगह खलखलाना-I (अ० क्रि०) 1 खल-खल शब्द करना खवैया-(पु०) 1 खानेवाला 2 बहुत खानेवाला 2 खोलना II (स० क्रि०) 1 खल-खल ध्वनि उत्पन्न करना | खशखाश-फा० (पु०) पोस्ते का पौधा एवं दाना 2 उबालना, खौलाना
खशी-सं० (वि०) पोस्ते के फूल के रंग का, हल्का आसमानी खलना-I (अ० क्रि०) 1 बुरा लगना, अखरना 2 खटकना खस-फा० (स्त्री०) 1 सूखी घास 2 गाडर नाम की घास की II (स० क्रि०) 1 मोड़ना, झुकाना 2 पोला करना 3 घोंटना । जड़