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खंजरी
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खैजरी-(स्त्री०) छोटी डफली
खंदक-अ० (स्त्री०) गहरा गड्ढा, खाई (जैसे-जवानों द्वारा खंजरी-अ० + फ़ा० (स्त्री०) कटार
खंदक खोदना) खंजरीट-सं० (पु०) = खंजन
बंधवाना, बँधियाना-(स० क्रि०) बो० खाली कराना खंड-सं० (वि०) 1 टुकड़ा हुआ, खंडित, विभक्त 2 छोटा, खंभ, खंभा-(पु०) 1 स्तंभ (जैसे-ईंटों का खंभा) 2 सहारा,
आंशिक (जैसे-खंड काव्य)। ~कथा (स्त्री०) छोटो | टेक 3 अख़बार का कालम कहानी; ~काव्य (पु०)छोटी कथा पर आधारित काव्य, लघु | खंभार-बो० (पु०) 1क्षोभ 2 घबराहट, बेचैनी 3 आशंका काव्य; ~ग्रहण (पु०) अपूर्ण ग्रहण; -पीठ (पु०) (उच्च | 4 शोक, रंज न्यायालय का) उपकार्यालय; ~प्रलय (पु०) प्रलय जब | खैभिया-बो० (स्त्री०) छोटा खंभा पृथ्वी को छोड़कर सब नष्ट हो जाता है; ~वाणिक् (पु०) । ख-सं० (पु०) 1 शून्य स्थान, आकाश 2 शून्य 3 सूर्य 4 क्षेत्र छोटा व्यापारी; ~वर्षा (स्त्री०) रुकरुक कर होनेवाली या ___5 ज्ञानेंद्रिय 6 कर्म 7 गड्ढा
असमान वर्षा; ~शीला (स्त्री०) व्यभिचारिणी स्त्री खकार-सं० (पु०) 'ख' वर्ण खंडक-सं० (पु०) टुकड़े करनेवाला
खक्खा -I (पु०) अट्टहास, कहकहा II (पु०) 1 खत्री खंडन-सं० (पु०) 1 टुकड़े-टुकड़े करने की क्रिया 2 विभाजित | 2 पंजाबी सिपाही 3 अनुभवी पुरुष करना 3 ग़लत ठहराना (जैसे-सरकार द्वारा खंडन)। ~मंडन खखार-(पु०) गाढ़ा लेसदार बलगम । (पु०) दोनों पक्षोंका प्रतिपादन
खखारना-(अ० क्रि०) खखार निकालना, थूकना खंडनक-सं० (पु०) 1 खंडन करनेवाला 2 टुकड़े करनेवाला खखोंडर-बो० (पु०) पेड़ के कोटर में बना घोंसला खंडनात्मक-सं० (वि०) खंडन करनेवाला
खखोरना-(स० क्रि०) बो० 1 खोजना 2 खोजते फिरना खंडनी-(स्त्री०) मालगुज़ारी की किश्त
खग-सं० (पु०) पंछी, पक्षी। पति (पु०) गरुड़ खंडनीय-सं० (वि०) खंडन करने योग्य
खगोल-सं० (पु०) 1 आकाश मंडल, 2 आकाशीय पिंडों का बँडपूरी-(स्त्री०) मीठी पूरी
अध्ययन। मिति (स्त्री०) ऐसी ज्योतिष विद्या जिसमें तारों बँडबरा-(पु०) मीठा बड़ा
नक्षत्रों आदि की दृश्य स्थितियों एवं गतियों का ज्ञान होता है; बैंडरा-(पु०) बेसन का बना बड़ा
~वर्ती (वि०), विज्ञ (पु०) खगोल विज्ञान का ज्ञाता; बैंडला-(पु०) टुकड़ा, कतला
-विज्ञान (पु०), विद्या (स्त्री०), ~शास्त्र (पु०) बैंडवानी-(स्त्री०) 1 खाँड़ का शर्बत 2 बारातियों को भेजा आकाश में ग्रहों आदि की गतिविधियों का ज्ञान करानेवाली जानेवाला जलपान
विद्या, ज्योतिष शास्त्री (प०) - खगोल विज्ञ; खंडशः-सं० (अ०) खंड-खंड करके (जैसे-खंडशः विभक्त ~शास्त्रीय (वि०) खगोल शास्त्र संबंधी होना, खंडशः प्रकाशित करना)
खग्रास-सं० (पु०) (सूर्य या चंद्रमा का) पूर्ण ग्रहण बँडसार-(स्त्री०) = देशी ढंग से चीनी बनाने का कारखाना खचन-सं० (पु०) 1 जड़ना 2 बाँधना 3 अंकित करना बँडसारी-(स्त्री०) देशी चीनी
खचना-(अ० क्रि०) 1 जड़ा जाना 2 अंकित होना बँडसाल-(स्त्री०) =बँडसार
खचर-सं० (पु०) 1 आकाश में चलनेवाले पदार्थ एवं प्राणी, बँडहर-(पु०) गिरे हुए मकान का अवशेष, भग्न अवशेष आकाशगामी जीव एवं पदार्थ 2 पक्षी, चिड़िया खंडिका-सं० (स्त्री०) 1 क़िस्त 2 काँख
खचरा-(वि०) 1 वर्ण संकर, दोग़ला 2 दुष्ट, पाजी खंडित-सं० (वि०) 1 टूटा हुआ, टुकड़े किया हुआ खचाखच-(क्रि० वि०) दूंसा हुआ (जैसे-खचाखच भरना) (जैसे-खंडित मूर्ति) 2 अलग किया हुआ (जैसे-खंडित खचित-सं० (वि०) 1 जड़ित (जैसे-मणिखचित) 2 अंकित प्रदेश) 3 जिसका कौमार्य भंग हआ हो 4 अपूर्ण 5 ग़लत खचित्र-सं० (प.) 1 वैसी ही अनहोनी बात 2 जड़नेवाली ठहराया हुआ (जैसे-~युक्तियाँ)। -विग्रह (वि०) मशीन विकलांग
खचेड़ना-(स० क्रि०) दबाकर वश में करना खंडिता-सं० (स्त्री०) अपने प्रिय पर अन्य स्त्री के साथ रति खच्चर-(पु०) घोड़े एवं गधे की मिश्रित संतान संसर्ग जनित लक्षणों को देखकर दुःखी नायिका (जैसे-मुग्धा खजमज-(वि०) कुछ ख़राब (जैसे-आज मेरी तबीयत कुछ खंडिता, प्रौढ़ा खंडिता)
खजमज है) बँडिया-(स्त्री०) ऊँख की गँडेरी बनानेवाला व्यक्ति खजमजाना-(अ० क्रि०) कुछ भारी-भारी लगना खंडी-(स्त्री०) 1 गाँव के वृक्षों का समूह 2 राजकर 3 क़िस्त (जैसे-तबियत खजमजाना) खंडीकरण-सं० (पु०) 1 टुकड़े करना 2 किस्तों में देना खजला-(पु०) = खाजा खंडीय-सं० (वि०) टुकड़े का
खज़ानची-अ० +तु० (पु०) 1 कोषाध्यक्ष 2 रोकड़िया खंडेतर-सं० (वि०) स्वर-व्यंजन ध्वनियों से भिन्न खज़ाना-अ० (पु०) 1 संचित धनराशि 2 कोष, धनागार बैंडौरा-बो० (पु०) 1मिसरी का लड्डू 2 ओला ___3 राजस्व (जैसे-खजाने का मंत्री) खंडय-(स्त्री०) सं० (वि०) खंडनीय
खजिल-अ० (वि०) लजित, शर्मिंदा चतरा-(पु०) 1 दरार, खोडरा 2 अंतराल
खजूर-(स्त्री०) ताड़ की तरह का एक पेड़ और उसका फल खंता-बो० (पु०) 1 मिट्टी खोदने का उपकरण 2 ज़मीन । खजूरी-(वि०) खजूर का, खजूर संबंधी खोदने का औज़ार 3 गड्ढा, गर्त
खट-(स्त्री०) दो वस्तुओं के टकराने की ध्वनि। खट