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________________ '' O हिंसा के ही रूपः काम-क्रोध आदि {15} अभिमानभयजुगुप्साहास्यारतिशोककामकोपाद्याः। हिंसायाः पर्यायाः ... (पुरु. 4/28/64) अभिमान, भय, ग्लानि, हास्य, अरति, शोक, काम, क्रोध आदि - ये सभी हिंसा की ही पर्यायें हैं। O हिंसा-अशुभ परिणाम (16) असुभो जो परिणामो सा हिंसा। (विशे. भा. 1766) や弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱 आत्मा का अशुभ परिणाम ही हिंसा है। O अहिंसा की परिणति :जीव-दया/प्राणी-रक्षा ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ (17) धर्मः प्राणि-दया, दयाऽपि सततं हिंसाव्युदासो मनोवाक्कायैर्विरतिर्वधात् प्रणिहितैः प्राणात्ययेऽप्यात्मनः॥ (ह.पु. 17/164) अपने प्राणों पर संकट आने पर भी मन-वचन-काय द्वारा प्राणि-वध से विरति (या प्राणिवध से दूर रहना) ही हिंसा-विरति है, हिंसा-विरति ही प्राणि-दया है और प्राणि-दया ही (अहिंसा-)धर्म है। SrI-FIFFEDEUEUELELELELELALADALALALA S S [जैन संस्कृति खण्ड/
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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