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________________ बननननननUDUDUDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDn पESSSSSSA I RRORRISH Oअहिंसा: वीतरागता का दूसरा नाम: ''ॐॐॐॐ {11) रागादीणमणुप्पाओ, अहिंसकत्तं । (जयधवला 1/42/94) राग आदि की अनुत्पत्ति अहिंसा है और उत्पत्ति हिंसा है। ' (12) '' ' रागद्वेषनिवृत्तेहिंसादिनिवर्तना कृता भवति। (रत्नक. श्रा. 48) राग व द्वेष - इन दोनों की निवृत्ति से हिंसा (असत्य, चोरी, अब्रह्मचर्य व परिग्रह) आदि (पापों) की स्वतः निवृत्ति हो जाती है। 弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱叩叩叩叩$$$$$$$s अहिंसा का प्रतिकूल आचरण: हिंसा ''' {13) अप्रादुर्भावः खलु रागादीनां भवत्यहिंसेति। तेषामेवोत्पत्तिहिंसेति जिनागमस्य संक्षेपः॥ (पुरु. 4/8/44) वास्तव में रागादि भावों का प्रकट न होना-यही 'अहिंसा' होती है। उन ॐ रागादि भावों की उत्पत्ति होना- यही हिंसा है। ऐसा जैनागम का सार है। (14) हिंसाए पडिवक्खो होइ अहिंसा। (दशवै. नि. 45) हिंसा का प्रतिपक्ष-अहिंसा है। '''' अहिंसा-विश्वकोश/5]
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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