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________________ EFFEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE ॐ कराता भी है। इस कारण (यही कहा जाता है कि वह प्राणी उन छहों जीवनिकायों के जीवों की हिंसा से असंयत, अविरत है और उनकी हिंसा आदि से जनित पापकार्यों का प्रतिघात ॐ और प्रत्याख्यान किया हुआ नहीं है।) वह प्राणातिपात से लेकर मिथ्यादर्शनशल्य तक के 卐 सभी पापों का सेवन करता है। तीर्थंकर भगवान् ने ऐसे प्राणी को असंयत, अविरत, है पापकर्मों का (तप आदि से) नाश तथा प्रत्याख्यान से निरोध न करने वाला कहा है। चाहे 卐 वह प्राणी स्वप्न भी न देखता हो, अर्थात्- अव्यक्तचेतनाशील हो, तो भी वह पापकर्म (का) 卐 बंध) करता है। (असंज्ञि-दृष्टान्त) पृथ्वीकायिक जीवों से लेकर वनस्पति-कायिक जीवों तक * पांच स्थावर एवं छठे जो त्रससंज्ञक अमनस्क जीव हैं, वे असंज्ञी हैं, जिनमें न तर्क है, न 卐 卐 संज्ञा है न प्रज्ञा (बुद्धि) है, न मन (मनन करने का साधन) है, न वाणी है और जो न तो है स्वयं कर सकते हैं और न ही दूसरे से करा सकते हैं, और न करते हुए को अच्छा समझ सकते हैं; तथापि वे अज्ञानी प्राणी भी समस्त प्राणियों, भूतों, जीवों और सत्त्वों के दिन-रात 卐 सोते या जागते हर समय शत्रु-से बने रहते हैं, उन्हें धोखा देने में तत्पर रहते हैं, उनके प्रति के सदैव हिंसात्मक (भावमनोरूप-) चित्तवृत्ति रखते हैं, इसी कारण वे प्राणातिपात से लेकर मिथ्यादर्शन शल्य तक अठारह ही पाप स्थानों में सदा लिप्त रहते हैं। इस प्रकार यद्यपि 卐 असंज्ञी जीवों के मन (द्रव्यमन) नहीं होता, और न ही वाणी होती है, तथापि वे (अप्रत्याख्यानी होने से) समस्त प्राणियों, भूतों, जीवों और सत्त्वों को दुःख देने, शोक उत्पन्न करने, विलाप * कराने, रुलाने, पीड़ा देने, वध करने, तथा परिताप देने अथवा उन्हें एक ही साथ (सामूहिक 卐 रूप से) दुःख, शोक, विलाप, रुदन, पीड़न, संताप, वध-बंधन, परिक्लेश आदि करने से विरत नहीं होते, अपितु पापकर्म में सदा रत रहते हैं। इस प्रकार वे प्राणी असंज्ञी होते हुए भी अहर्निश प्राणातिपात में प्रवृत्त कहे जाते हैं, तथा मृषावाद आदि से लेकर परिग्रह तक में तथा 卐 मिथ्यादर्शन शल्य तक के समस्त पापस्थानों में प्रवृत्त कहे जाते हैं। 明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明那 अहिंसा-विश्वकोश/233]
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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