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________________ 弱弱弱弱弱弱弱~~~~~~~~~~~弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱弱 THEREFERREYEHREEEEEEEEEEEEEEEEma 12921 अंहावरे तच्चे दंडसमादाणे हिंसादंडवत्तिए त्ति आहिजति। से जहाणामए卐 केइ पुरिसे ममं वा ममि वा अन्नं वा अन्निं वा हिंसिंसु वा हिंसइ वा हिंसिस्सइ वा तं दंडं तस-थावरेहिं पाणेहिं सयमेव णिसिरति, अण्णेण वि णिसिरावेति, अन्नं पि णिसिरंतं समणुजाणति, हिंसादंडे, एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावज्जे ति आहिज्जइ, ॥ तच्चे दंडसमादाणे हिंसादंडवत्तिए त्ति आहिते। (सू.कृ. 2/2/ सू. 697) तीसरा क्रियास्थान हिंसादंडप्रत्ययिक कहलाता है। जैसे कि कोई पुरुष त्रस और " 卐 स्थावर प्राणियों को इसलिए स्वयं दंड देता है कि इस (त्रस या स्थावर) जीव ने मुझे या मेरे सम्बंधी को तथा दूसरे को या दूसरे के सम्बन्धी को मारा था, मार रहा है या मारेगा, अथवा वह दूसरे से त्रस और स्थावर प्राणी को दंड दिलाता है, या त्रस और स्थावर प्राणी को दंड ॐ देते हुए दूसरे पुरुष का अनुमोदन करता है। ऐसा व्यक्ति प्राणियों को हिंसारूप दंड देता है। 卐 उस व्यक्ति को हिंसाप्रत्ययिक सावद्यकर्म का बंध होता है। अतः इस तीसरे क्रियास्थान को है हिंसादंडप्रत्ययिक कहा गया है। (293) 1. अहावरे पंचमे दंडसमादाणे दिट्ठीविप्परियासियादंडे त्ति आहिज्जति। से जहाणामए केइ पुरिसे माईहिं वा पिईहिं वा भातीहिं वा भगिणीहिं वा भजाहिं वा ॐ पुत्तेहिं वा धूताहिं वा सुण्हाहिं वा सद्धिं संवसमाणे मित्तं अमित्तमिति मन्नमाणे मित्ते 卐 हयपुव्वे भवति दिट्ठीविपरियासियादंडे। 2. से जहा वा केइ पुरिसे गामघायंसि वा णगरघायंसि वा खेड. कब्बड. म मडंबघातंसि वा दोणमुहघायंसि वा पट्टणघायंसि वा आसमघातंसि वा सत्रिवेसघायंसि वा निगमघायंसि वा रायहाणिघायंसि वा अतेणं तेणमिति मन्नमाणे अतेण हयपुव्वे 卐 भवइ, दिट्ठीविपरियासियादंडे, एवं खलु तस्स तप्पत्तियं सावजे त्ति आहिज्जति,卐 पंचमे दंडसमादाणे दिट्ठीविप्परियासियादंडे त्ति आहिते। ___ (सू.कृ. 2/2/ सू. 699) . जैसे कोई व्यक्ति अपने माता, पिता, भाइयों, बहनों, स्त्री, पुत्रों, पुत्रियों या पुत्रवधुओं के के साथ निवास करता हुआ अपने उस मित्र (हितैषीजन) को (गलतफहमी से) शत्रु (विरोधी या अहितैषी) समझ कर मार देता है, इसको दृष्टिविपर्यासदंड कहते हैं, क्योंकि ॐ यह दंड दृष्टिभ्रमवश होता है। REFEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE E ER [जैन संस्कृति खण्ड/134
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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