________________
%%%%%%%%%%%%%%%%%男男男男男男男男男男%%%%%%%%
हिंसात्मक/साहस कार्य से अर्जित 'काले धन' का अशभ फल
听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听贝贝听听听听听听听听听听听
___{612} अथ गृहाश्रमिणस्त्रिविधोऽर्थो भवति। शुक्ल: शबलोऽसितश्चार्थः। शुक्लेनार्थेन यदैहिकं करोति तद्देवमासादयति। यच्छबलेन तन्मानुष्यम्।
यत्कृष्णेन तत्तिर्यक्त्वम्। स्ववृत्त्युपार्जितं सर्वं सर्वेषां शुक्लम्। अनन्तरवृत्त्युपात्तं शबलम्। अन्तरितवृत्त्युपात्तञ्च कृष्णम् क्रमागतं प्रीतिदायं प्राप्तञ्च सह भार्यया। अविशेषेण सर्वेषां धनं शुक्लं प्रकीर्तितम्। उत्कोचशुल्कसंप्राप्तप्तमविक्रेयस्य विक्रये। कृतोपकारादाप्तञ्च शबलं समुदाहृतम्। पार्श्विक-चूत-चौर्याप्त-प्रतिरूपक-साहसम्। व्याजेनोपार्जितं यच्च तत्कृष्णं ' समुदाहृतम्। यथाविधमवाप्नोति स फलं प्रेत्य चेह च।
(वि. स्मृ., गृहस्थाश्रम-वर्णन) गृहस्थाश्रम में रहने वाले मनुष्यों के पास तीन प्रकार का अर्थ (धन) होता की है। एक शुक्ल, दूसरा शबल और तीसरा कृष्ण । शुक्ल धन से जो अपना शारीरिक ॐ कृत्य करता है, वह देव योनि को प्राप्त करता है । शबल धन से दैहिक आवश्यकता
का काम चलाता है, वह मनुष्य योनि में जन्म ग्रहण करता है । जो कृष्ण अर्थ (काले
धन)से अपना देह-सम्बन्धी व्यय पूरा करता है, वह तिर्यक् योनि में जन्म लेता है। # अपनी उचित वृत्ति द्वारा अर्जित धन 'शुक्ल' नाम से प्रसिद्ध होता है। अनन्तर-वृत्ति ॥ * (मुख्य जीविका से पृथक्, ऊपरी आमदनी)से अर्जित धन 'शबल' धन होता है। 卐 अन्तरित वृत्ति (लुक-छिप कर, अनुचित उपार्यों) द्वारा कमाया हुआ धन कृष्ण ॐ (काला) कहा जाता है । पैतृक परम्परागत क्रम से मिला हुआ, प्रीतिपूर्वक दिया हुआ + और भार्या के साथ प्राप्त धन सामान्य रूप से सब का 'शुक्ल' धन होता है । रिश्वत
आदि से प्राप्त और न बिकने योग्य वस्तु के विक्रय करने से मिला हुआ तथा जिसकी भलाई कर दी उससे उपलब्ध धन 'शबल' नाम से कहा गया है।
पाश्विक (जादूगरी), द्यूत (जूआ)और चोरी से प्राप्त एवं प्रतिरूपक (नकली ॐ माल तैयार करना) तथा साहस (हिंसक कार्य) से उपलब्ध और (शोषक वृत्ति से है
पूर्ण) व्याज से उपार्जित धन 'कृष्ण' कहा गया है । मनुष्य जिस प्रकार के धन से जो
कुछ भी करता है, उसका फल यहाँ मरने के बाद उसे उसी प्रकार का (काले धन भ से काला/उग्र भयंकर फल, शुक्ल धन से सौम्य फल आदि) मिलता है। 055555555万野野野野野野野野野野野野野野野 वैदिक ब्राह्मण संस्कृति खण्ड/172
听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听形