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54. अठियक आचार-विचार के सूत्रः भारतीय आंस्कृतिक वांग्मय में.. 68-1403
• अहिंसाः दैनिक जीवन में आचरणीय . . . . . . . .. ........ • अहिंसा की नींव: सबसे आत्मवत् व्यवहार . . . . . . . . . . . . . . . .
अहिंसा का आधारः प्रशस्त विचार व समत्व-दर्शन . . . . . . ....78-81 • रक्षणीय/अवध्य प्राणीः स्त्रियां, गौ, पक्षी आदि . . . . . . ..
............81-83 ए .भ्रूण-हत्याः निन्दनीय व वर्जनीय . .रक्षणीयः प्रधान व श्रेष्ठ व्यक्ति .......
........................885 . मानव-मात्र की रक्षा का भाव.......
• अहिंसा के व्यावहारिक रूपः क्षमा, अभयदान, प्राणदान अहिंसात्मक अभयदान के प्रेरक वचन .....
• • • • • • • • • .........92-94 • अहिंसाः प्रशस्त मनोभावों की स्रोत . . . . . .
(दया, करुणा, परदुःखकातरता, मैत्री आदि भाव) • अहिंसा की अभिव्यक्तिः परोपकार/अनुग्रह/ पर-कल्याण ........ • अहिंसा की सार्थकताः छल, कपट, द्वेष व कुटिलता से रहित व्यवहार . .104-106 • अहिंसाः वाणी-व्यवहार में भी .
..... 106-111 • अहिंसक दृष्टिः अनुशासन में भी अपेक्षित . . . . . . . ......... 111
अहिंसा के प्रतिकूल धर्मः पर-निन्दा, परदोषारोपण, आत्म-स्तुति आदि......112अहिंसाः आहार-सेवन में ..........
.....117-140 हिंसा-दोषः मांस-भक्षण में अनिवार्य ..
. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .. 177-119 • अहिंसा की पूर्णताः मांस-भक्षण के त्याग से ही .
हा . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 119-120 • अहिंसक: मांस के क्रय-विक्रय आदि का भी त्यागी ..... ...... 121-123 मांस-भक्षण: निन्दनीय व वर्ण्य ......
निन्दनाय ववज्य.. . . . . . . . . . . . . . . . . ............123-124 मद्य व मांसः ब्रह्मचारी व संन्यासी के लिए विशेषतः वर्ण्य ......
वण्य . . . . ...........124-125 • मद्य व मांस के त्याग की महिमा .... • हिंसक भावों की पोषक: मदिरा
......136-139 . अहिंसक: मदिरा व मांस का त्यागी ....
......139-140