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________________ शक्रदेव प्राचीन चरित्रकोश शंख शक्रदेव-कलिंग देश का एक राजकुमार, जो भानुमत् ३. एक ऋषि, जो वसिष्ठ एवं ऊर्जा के पुत्रों में से एक • राजा का पुत्र था। भारतीय युद्ध में, यह कौरवों के पक्ष | था (ब्रह्मांड. २.११.४२)। में शामिल था। भीमसेन के द्वारा इसका वध हुआ ४. एक महारथी यादव राजा, जो द्रौपदीस्वयंवर में (म. भी. ५०.२२)। उपस्थित था (म. स. १४.५९; आ. १७७.१८१८*)। शक्रमित्र--(सू. इ.) एक राजा, जो मांधातृ राजा का अर्जुन एवं सुभद्रा के विवाहसमारोह में, यह दहेज ले कर कनिष्ठ पुत्र था। उपस्थित हुआ था। शक्रय-कश्यपकुलोत्पन्न गोत्रकार ऋषिगण | शंककर्ण--'अतल' नामक पाताललोक में रहनेशकहोम-एक राजा, जो भविष्य के अनुसार यज्ञहोत्र वाला एक दानव, जो कश्यप एवं दनु के पुत्रों में से एक राजा का पुत्र था। यह इंद्र के कृपापात्र व्यक्तियों में से था (ब्रह्मांड. २.२०.१६)। एक था, जिस कारण इसे अयोध्या का राज्यपद प्राप्त २. दक्ष के अनुचरों का सामूहिक नाम (मत्स्य.४.५२)। हुआ था। आगे चल कर, इंद्र की कृपा से इसे स्वर्गप्राप्ति ३. एक राक्षस, जो अशोकवन में सीता के संरक्षणार्थ भी हो गर्या । नियुक्त किया गया था ( वा. रा. सु. १८.२८)। शंकमान-महिप लोगों का एक नागवंशीय राजा, जो | । ४. (सो. कुरु.) एक राजा, जो जनमेजय एवं वपुष्टमा प्रवीर राजा का पुत्र था (ब्रह्मांड. ३.७४.१८७)। | के पुत्रों में से एक था (म. आ. ९०.९४)। पाठभेद शंकर-एक दानव, जो कश्यप एवं दनु के पुत्रों में से (भा. सं.)-'शंकु । एक था (विष्णु. १.२१.४)। ५. धृतराष्ट्रकुलोत्पन्न एक नाग, जो जनमेजय के सर्प२. रुद्र शिव एक नामांतर । इसे 'शंभु', 'उमापति', सत्र में दग्ध हुआ था (म. आ. ५२.१४)। 'शूलपाणि', 'वृषभध्वज', 'हर' आदि नामांतर भी ६. एक स्कंदपार्षद, जो उसे पार्वती के द्वारा दिये गये प्राप्त थे (विष्णु. ५.३२.८)। . दो पार्षदों में से एक था। दूसरे पार्षद का नाम पुष्पदंत • इसने 'वैशालाक्ष' नामक दस हजार अध्यायों से युक्त था (म. श. ४४.४७)। एक राजनीति विषयक ग्रंथ की रचना की थी, जो ब्रह्मा के द्वारा विरचित एक बृहद्ग्रंथ का संक्षेप कर लिखा गया था । ७. स्कंद का एक सैनिक (म. श. ४४.५२)। (म. शां. ५९.८६-८८ रुद्र-शिष देखिये)। ८. कुवेरसभा में रहनेवाला एक शिवपार्षद (म. स. २. एक चांडाल, जो अपने पत्नी के पुण्यकों के परि. १.३.२०)। कारण मुक्त हुआ (पद्म. ब. २०)। ९. एक पापी ब्राह्मण, जो गीता के सातवें अध्याय के . ४. उन्मत्त प्रकृति का एक शिवभक्त ऋषि, जो गौतम | पठन से मुक्त हुआ था (पद्म. उ. १८१)। ऋषि का शिष्य था। वृषपर्वन् ने इसका वध किया, किंतु १०. एक ब्राह्मणवेषधारी शिवावतार, जिसने एक आगे चल कर शिव ने इसे पुनः जीवित किया (पद्म. पा. पिशाच को मुक्ति प्रदान की थी (पद्म. स्व. ३५)। ११४)। शंकुरथ--एक दानव, जो कश्यप एवं दनु के पुत्रों में ५. एक पापी पुरुष, जिसकी कथा स्कंद में 'रामनाथ- से एक था (ब्रह्मांड. ३.६.४)। तीर्थ' का माहात्म्य कथन करने के लिए दी गयी है। शंकुरोमन्--एक सहस्रशीर्ष नाग, जो कश्यप एवं (स्कंद. ३.१.४८)। | कद्र के पुत्रों में से एक था (मत्स्य. ६.४१)। ६. एक सनातन विश्वेदेव (म. अनु. ९१.३५)। | शंकुशिरस--एक पराक्रमी दानव, जो कश्यप एवं शंकु-(सो. कुकुर.) एक यादव राजा, जो भागवत । दनु के पुत्रों में से एक था। इंद्र-वृत्र युद्ध में यह वृत्र के एवं विष्णु के अनुसार उग्रसेन राजा के नौ पुत्रों में से एक | पक्ष में, एवं देवासुर युद्ध में यह बलि की सेना में शामिल था ( भा. ९.२४.२४) । विष्णु एवं वायु में इसे क्रमशः था (भा. ६.६.३०, १०.१९; विष्णु. १.२१.४)। 'संक' एवं 'कद्वशंक' कहा गया है। मत्स्य के शंकुशिरोधर-एक दानव, जो कश्यप एवं दनु के अनुसार, यह बलि का अनुगामी था ( मस्त्य. २४५.३१)। पुत्रों में से एक था (मत्स्य. ६.१७)। २. कृष्ण एवं सत्या के पुत्रों में से एक (भा. १०. शंख--एक पराक्रमी असुर, जो समुद्र का पुत्र होने । के कारण, समुद्र में ही निवास करता था (म. स. ९. ९३५
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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