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वीरभद्र
प्राचीन चरित्रकोश
वीरहोत्र
सर्वप्रथम इसने नृसिंह की स्तुति कर उसे शांत करने वीरवर्मन्--सारस्वत नगरी का एक राजा, जो यमका प्रयत्न किया। किंतु न मानने पर, इसने उसका | कन्या मालिनी का पति था । पाण्डवों का अश्वमेधीय अश्व दमन किया, एवं उसे अदृश्य होने पर विवश किया | इसने रोंक दिया था, एवं अपने श्वशुर यम की सहायता (लिंग. १.९६)।
से कृष्णार्जुनों के साथ घोर संग्राम किया था। आगे चल उपासना--महाराष्ट्र में स्थित घारापुरी एवं वेरूल | कर कृष्ण ने इससे संधि किया, एवं अश्वमेधीय अश्व के गुफा शिल्पों में, शिव के पार्षद के नाते वीरभद्र की | छुड़वा दिया। प्रतिमाएँ पायी जाती है, जहाँ यह अष्टभुजायुक्त एवं इसके सुभाल, सुलभ, लोल, कुवल एवं सरस नामक अत्यंत रौद्रस्वरूपी चित्रांकित किया गया है। महाराष्ट्र में | पाँच पुत्र थे (जै. अ. ४७-४९)। होली के दिनों में, वीरों की पूजा की जाती है, एवं उनका | २. द्रविड देश का एक राजा, जिसकी पत्नी हेमांगी जुलूस भी निकाला जाता है।
अपने पूर्वजन्म में मोहिनी नामक अप्सरा थी (पम. उ. ग्रंथ-इसके नाम पर 'वीरभद्रकालिका-कवच' एवं | २२०)। वीरभद्रतंत्र' नामक दो ग्रंथ उपलब्ध हैं।
वीरवाहन--एक राजा, जो ब्रह्महत्या के कारण २. सोमवंशीय मनोभद्र राजा के दो पुत्रों में से एक। | अत्यंत दुःखी हुआ था (मुनिशर्मन् देखिये)। एक गृध्रराज के द्वारा इसे पूर्वजन्म का ज्ञान प्राप्त हआ। २. विराधनगरी का एक राजा, जिसने वसिष्ठ ऋषि के था (पद्म. क्रि. ३; गर देखिये)।
साथ धर्मसंबंधी चर्चा की थी (गरुड. २.६)। .... ३. एक राजा, जो अविक्षित् राजा की निभा नामक | वीरविक्रम--एक शूद्र, जिसने वचनपूर्ति के लिए पत्नी का पिता था (मार्क. ११९.१७ )।
अपनी कन्या का विवाह एक चांडाल से कर दिया। आगे ४. यशोभद्र राजा का भाई (यशोभद्र देखिये)। चल कर, कृष्ण ने उन दोनों का उद्धार कर दिया (पन्न.
वीरभद्रक्र--गौड देश का एक राजा, जिसकी पत्नी | ब्र. २६)। का नाम चंपकमंजरी था । अपने बुद्धिसागर नामक प्रधान वीरव्रत--(स्वा. प्रिय.) एक राजा, जो भागवत के के कथनानुसार इसने एक बड़ा तालाव बँधवाया था अनुसार मधु राजा एवं सुमनस् का पुत्र था । इसकी पत्नी (नारद. १.१२)।
का नाम भोजा था, जिससे इसे मंथु एवं प्रमंथु नामक पुत्र ... वीरमणि--एक शिवभक्त राजा, जिसकी पत्नी का | उत्पन्न हुए थ (भा. ५.१५.१५) । नाम श्रुतवती था (पन. पा. ६७)। इसके द्वारा प्रार्थना । वीरसिंह-एक राजा, जो वीरमणि राजा का पुत्र किये जाने पर, स्वयं शिव ने योगिनियों से युद्ध किया | एवं रुक्मांगद का बन्धु था। राम के अश्वमेध यज्ञ के था । किंतु अंत में योगिनियों ने इसे परास्त किया ( पद्म. | समय, इसने शत्रुघ्न से युद्ध किया था (पन. पा. ४०)। पा. ३९-४६)।
वीरसेन--निषध देश का एक राजा, जो नल राजा २. एक राजा, जिसने अपने पुत्र रुक्मांगद की का पिता था। यह स्वयं धर्मज्ञ एवं तपस्वी था (नल १. सहायता से राम का अश्वमेधीय अश्व रोकने की कोशिश | देखिये)। इसने जीवन में मांसभक्षण नहीं किया था की थी। किंतु इस प्रयत्न में यह असफल रहा ( रुक्मांगद | (म. अनु. ११५.७४)। ३. देखिये )
२. एक ऋषि, जो युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में उपस्थित वीररथ- (सो. द्विमीढ.) द्विमीढवंशीय बहुरथ | था (भा. १०.७४.९)। राजा का नामांतर । वायु में इसे नृपंजय राजा का पुत्र | ३. एक राजा, जो ऋतुपर्ण राजा का पुत्र, एवं सुदास कहा गया है (बहुरथ देखिये)।
राजा का पिता था (ब्रह्मांड. ३.६३.१७४)। वीरवत–सावर्णि मनु के पुत्रों में से एक ।
४. अवंति नगरी का एक राजा, जिसने तीन राजसूय २. ब्रह्मसावर्णि मनु के पुत्रों में से एक । | एवं सोलह अश्वमेध यज्ञ किये थे (पन. उ. १२८)। ३. साध्य देवों में से एक।।
५. दक्ष राजा का श्वसुर, जिसे स्वप्न में दक्ष को कन्या वीरवर-तालध्वज नगरी के माधव राजा की पत्नी | देने के लिए दृष्टान्त हुआ था (गणेश. १.२६-२७)। सुलोचना के द्वारा पुरुषवेष में धारण किया गया नाम | वीरहोत्र-(सो. सह.) एक सुविख्यात हैहय सम्राट, (माधव ५. देखिये)।
जो हैहय-राजवंश का आद्य पुरुष माना जाता है। इसे
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