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________________ वंशक प्राचीन चरित्रकोश वज्रनाभ वंशक--इक्ष्वाकुवंशीय वत्सक राजा का नामान्तर। था (म. स. २७.२१; आश्व. ८३.२९)। परशुराम ने वंशा--एक अप्सरा, जो कश्यप एवं प्राधा की | इस देश के क्षत्रियों का संहार किया था। कन्याओं में से एक। | वंगिरी-(किलकिला. भविष्य.) एक राजा, जिसका वक दाल्भ्य--बक दाल्भ्य नामक आचार्य का नामान्तर | निर्देश भागवत में प्राप्त है। (बक दाल्भ्य देखिये)। कई अभ्यासकों के अनुसार, वंगृद-एक दानव, जो अतिथिग्व (दिवोदास ) राजा जैमिनीय उपनिषद ब्राह्मण में मिर्दिष्ट 'बक दाल्भ्य' एवं का शत्रु था। इंद्र ने अतिथिग्व के संरक्षण के लिए इसका छांदोग्य उपनिषद एवं काठकसंहिता में निर्दिष्ट 'वक दाल्भ्य' | शिरच्छेद किया था (ऋ. १.५३.८)। दो अलग व्यक्ति थे। किंतु इस संबंध में निश्चित रूप से ववक्नु-एक ऋषि, जो गार्गी वाचकवी नामक कहना कठिन है। विदुषी का पिता था। वकनख-विश्वामित्र के बकनख नामक पुत्र का वज्र-विश्वामित्र के वज्रनाभ नामक पुत्र का . नामान्तर (म. अनु. ४.५८)। नामान्तर। वक्र--करुष राजकुमार वक्रदंत (दंतवक्र) का नाम- २. श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध का पुत्र, जो वज्र यादव तर । यह द्रौपदी के स्वयंवर में उपस्थित था (म. आ. | नाम से सविख्यात था। इसकी माता का नाम रोचना था। १८.२४*)। | मौसल युद्ध में यादवों का संहार होने पर, अर्जुन इसे वक्रदन्त--करुष राजकुमार दंतवक्र का नामान्तर | इंद्रप्रस्थ ले गया, एवं उसने इसे यादवी युद्ध से बचे हुए (दंतवक्र देखिये)। यादवों का राजा बनाया। इसके पुत्र का नाम प्रतिबाहु वक्राक्ष--एक राक्षस, जो कश्यप एवं खशा के पुत्रों [क पुत्रा था (म. मौ. ८.७०% भा. १.१५.३९)। महाप्रस्थान के में से एक था। समय, युधिष्ठिर ने सुभद्रा से इसकी रक्षा के लिए कहा वक्षेय--(सो. पूरु.) एक राजा, जो वायु के अनुसार | था (म. महा. १.८-९)। रौद्राश्व राजा का पुत्र था। वज्रकाय-लंका का एक राक्षस (वा. रा. सु.६)। वक्षोग्रीव-विश्वामित्र के ब्रह्मवादी पुत्रों में से एक | वज्रज्वाला-कुंभकर्ण की पत्नी, जो विरोचन दैत्य (म. अनु. ४.५३)। | की प्रपौत्री थी (वा. रा. उ. १२.२४ )। वंग-(सो. अनु.) वंश देश का एक राजा, जो बलि | आनव राजा के पाँच पुत्रों में से एक था। इसीके ही | | वज्रदंष्ट-त्रिपुरासुर का सेनापति । इसने पाताललोक कारण इसके देश को 'वंग' नाम प्राप्त हुआ (बलि जीत लिया, जिस कारण त्रिपुर ने गाँव, वस्त्र आदि दे आनव देखिये)। कर इसका सन्मान किया (गणेश. १.४ )। २. एक लोकसमूह, जिसका निर्देश मगध एवं मत्स्य २. रावणपक्ष का एक राक्षस, जो अंधक के द्वारा मारा लोगों के साथ अथर्ववेद परिशिष्ट में प्राप्त है (अ. वे. गया (वा. रा. यु. ९.३, ५३-५४)। . परि. १.७.७)। वंग एवं मगध लोगों का संयुक्त निर्देश वज्रदत्त--प्राग्ज्योतिषपुर का एक राजा, जो भगदत्त ऐतरेय आरण्यक में भी प्राप्त है (ऐ. आ. २.१.१)। राजा का पुत्र था। इसे यज्ञदत्त नामान्तर भी प्राप्त था। आधनिक बंगाल देश में स्थित लोगों के लिए 'वंग' शब्द | पाण्डवों के द्वारा छोड़ा गया अश्वमेधीय अश्व इसने का निर्देश सर्वप्रथम बौधायन धर्मसूत्र में प्राप्त है (बौ. पकड़ लिया, एवं तीन दिनों तक अर्जुन के साथ अत्यंत ध. १.१.१४)। शूरता से लड़ता रहा। अंत में अर्जुन ने इसका पराजय पूर्व भारत के एक लोकसमूह के नाते वंग का | किया (म. आश्व. ७४.७५)। निर्देश महाभारत में प्राप्त हैं। महाभारतकाल में इस देश वज्रनाभ--(सू. इ.) अयोध्या देश का एक राजा, में म्लेंच्छ लोग रहते थे, जिन्हें राजसूययज्ञ के समय जो भागवत के अनुसार स्थल का, विष्णु के अनुसार भीमसेन ने, एवं अश्वमेधयज्ञ के समय अर्जुन ने जीता डक्थ का, एवं वायु के अनुसार औक राजा का पुत्र था। ७९२ मानता
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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