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________________ भास्वर प्राचीन चरित्रकोश • भीम ४४.२८) । इसके नाम के लिए 'भास्कर' पाठभेद | १४. (सो. पूरु.) एक पूरुवंशीय राजा, जो वायु के प्राप्त है। अनुसार, महावीर्य राजा का पुत्र था। भिक्षु आंगिरस--एक वैदिक सूक्तद्रष्टा (ऋ. १०. १५. एक राक्षस, जो लंकानरेश रावण का मित्र था। ११७)। लंका में आने के बाद, हनुमान सर्वप्रथम इसके घर के भिक्षुवर्य--शंकर का एक अवतार, जिसने सत्यरथ | छपरे पर अवतीर्ण हुआ था (वा. रा. सु. ६)। नामक राजा को काफ़ी त्रस्त किया था (सत्यरथ देखिये)।। १६. (सो. कुरु.) एक कुरुवंशीय राजा, जो मत्स्य के भिषज् आथर्वण--एक वैदिक सूक्तद्रष्टा (ऋ. १०. | अनुसार, रुचिर राजा का पुत्र था। .९७)। १७. (सो. कुरु.) धृतराष्ट्र के सौ पुत्रों में से एक । २. काठक संहिता में निर्दिष्ट एक प्राचीन चिकित्सक | भीम ने इसका वध किया (म. भी. ६०.३१)। (का. सं. १६.३)। । १८. पाँच विनायकों में से एक । देवताओं के यज्ञ का भीम--(सो. कुरु.) कुरुवंशीय पांडु राजा को कुन्ती | विनाश करनेवाले पांचजन्य के द्वारा इन पाँच विनायकों से उत्पन्न पाँच पुत्रों में से तीसरा पुत्र (भीमसेन पांडव | का निर्माण हुआ था। देखिये)। १९. अंश के द्वारा स्कंद को दिये गये पाँच पार्षदों में २. एक देवगंधर्व, जो कश्यप एवं मुनि का पुत्र था | से एक । अन्य पार्षदों के नाम निम्नलिखित थे:३. तीसरे मरुद्गणों में से एक। परिघ, वट, दहति, एवं दहन । ४. विकुंठ देवों में से एक । २०. यमसभा में रह कर यम की उपासना करनेवाले ५. एकादश रुद्रों में से एक। राजाओं का एक समूह, जिसमें कुल सौ राजा समाविष्ट थे। ६. एक अग्नि, जो पांचजन्य अथवा तप नामक अग्नि | प्राचीन काल में ये राजा पृथ्वी के शासक थे; किन्तु काल का पुत्र था। . . . से पीड़ित हो कर ये पृथ्वीलोक छोड़ कर यमसभा में ७. एक राक्षस, जो हिरण्याक्ष एवं देवताओं के बीच | उपस्थित हुए (म. शां. २२७.४९)। हुए युद्ध में अग्नि के हाथों मारा गया (पा. स. ७५)। | २१. गौड देश में रहनेवाले दुर्व नामक ब्राह्मण का १. एक राक्षस, जो कश्यप एवं खशा के पुत्रों में से | मित्र । गणेशपुराण में वर्णित बुध नामक दुराचारी ब्राह्मण एक था। की कथा में इसका निर्देश प्राप्त है (गणेश. १.७६; बुध. ९. (सो. अमा.) एक राजा, जो भागवत के अनुसार, | ८. देखिये)। विजय राजा का पुत्र था । विष्णु एवं वायु में, इसे अमावसु २२. द्वापर युग में उत्पन्न हुआ एक शूद्र । यह अत्यंत राजा का पुत्र कहा गया है। दुराचरणी एवं चौर्यकर्म में निपुण था। एक बार यह १०.(सो. क्रोष्टु.) एक यादव राजा, जो हरिवंश | एक ब्राह्मण के घर चोरी के हेतु गया, एवं उसकी सेवा एवं ब्रह्म के अनुसार, ज्यामध राजा का पुत्र था। महा- | करने के बहाने वहीं रह गया। भारत में इसे 'निमि' कहा गया है। संभवतः यह ऋथ । पश्चात् ब्राह्मण के घर चोरी के हेतु आये हुए कई अन्य राजा का नामांतर रहा होगा । चोरों के हाथों यह मारा गया। मृत्यु के पश्चात्, किंचित्११. (सो. क्रोष्ट.) एक यादव राजा, जो दाशाह काल तक की गयी ब्राह्मणसेवा के कारण इसका उद्धार (विदुरथ ) राजा का पुत्र था (पन. सृ. १३)। हुआ (पद्म. ब्रह्म. १४)। १२. (सो. क्रोष्टु.) आनर्त (गुजराथ देश) का एक | २३. एक खाटिक, जिसकी कथा गणेश पुराण में यादव राजा, जो सत्वत राजा का पुत्र था। इसके पुत्र का | शमीवृक्ष का महात्म्य बताने के लिए कथन की गयी है। नाम अंधक था। यह राम दाशराथी राजा का समकालीन | २४. एक कुम्हार, जो तोण्डमान नामक राजा के राज्य था। शत्रुघ्न ने मधु दैत्य का वध कर मथुरा नगरी की में रहता था। यह रोज श्रीनिवास की पूजा करता था, जिस स्थापना की, उस नगरी को इसने जीत लिया था। कारण इसका उद्धार हुआ (स्कंद. २.१.१०) १३. (सो. पुरु.) एक पूरुवंशीय राजा, जो इलिन २५. विदर्भ देश के कौण्डिन्य नगरी का राजा, जो एवं रथन्तरी का पुत्र था (म. आ. ८९.१५)। इसे | चित्रसेन राजा का पुत्र था। इसे कोई पुत्र न था, जिस निम्नलिखित चार भाई थेः-दुष्यंत, शूर, प्रवसु, एवं वसु । कारण विरक्त हो कर, इसने अपना राज्य मनोरंजन एवं ५५९
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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