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________________ नल प्राचीन चरित्रकोश नल निषध आने के बाद, इसने प्रजा का उत्तम पालन किया पश्चात् अपना राज्य छोड़ कर, नल एवं दमयंती तथा अश्वमेधादि यज्ञ कर देवों को भी तृप्त किया। अरण्य के मार्ग से जाने लगे। काफी दिन इसी प्रकार कुछ काल के बाद, दमयंती से इसे इंद्रसेन नामक पुत्र, | व्यतीत होने पर, क्षुधाग्रस्त नल को सुवर्णमय पंखयुक्त तथा इंद्रसेना नामक कन्या ये अपत्य भी पैदा हुएँ (म. कुछ पंछी दिखे । खाने के लिये तथा धनप्राप्ति के हेतु से, व. ५३-५४)। वे पक्षी पकड़ने की इच्छा नल को हुई । इसलिये इसने __एक बार देवसभा में, इंद्रादि देवों ने नल की स्तुति | उन्हें अपने वस्त्र में पकड़ लिया किंतु दुर्दैववशात् द्यूत के की। वह स्तुति वहाँ बैठे कलिपुरुष को सहन नहीं हुई। प्यादे ही नल का पीछा करते हुए, पक्षीरूप धारण कर देवों के जाने के बाद वह द्वापर नामक युगपुरुष के पास | के आये हुए थे। वे इसका वस्त्र ले कर उड़ गये। परिगया, एवं उसने कहा, 'अगर तुम द्यूत के प्यादों' में | णामतः नल के पास जो एक वस्त्र था, वह भी चला मुझे प्रविष्ट होने दोंगे, एवं मेरी सहायता करोंगे, तो मैं | गया एवं नम स्थिति में यह आगे जाने लगा। जल को राज्य भ्रष्ट कर दूंगा' (म. व. ५५-१३)। ___ जाते जाते नल ने दमयंती को कोसल तथा विदर्भ देश द्वापर के द्वारा मान्यता मिलने पर, उसे ले कर कलि- की ओर जानेवाला मार्ग दर्शाया, एवं कहा, “तुम अपने पुरुष निषध देश में गया। वहाँ नल के शरीर में प्रविष्ट | पिता के घर विदर्भ देश चली जाओ'। फिर दमयंती ने होने की संधि देखते हुए, गुप्तरूप से वह अनेक वर्षों तक नल से कहा, 'हम दोनों ही विदर्भ देश को जायें' किंतु रहा । एक दिन मूत्रोत्सर्ग करने के बाद, पादप्रक्षालन न | नल को यह अच्छा न लगा। करते हुए ही नल संध्योपासना करने बैठा। यह संधि पश्चात् मार्ग में नल एवं दमयंती को एक घर दिखा। देख, कली ने इसके शरीर में प्रवेश किया। दोनों उस घर में गये । थकावट के कारण दमयंती शीघ्र शरीर में कलि प्रविष्ट होते ही, नल को छूत खेलने की | ही निद्राधीन हो गई । यह देख, उसे छोड़ कर अकेले इच्छा हुई। इसने तत्काल . अपने पुष्कर नामक भ्राता चले जाने की इच्छा नल के मन में उत्पन्न हुई। तलवार को यूत खेलने के लिये बुलाया । पुष्कर ने पास ही वृषभ से दमयंती का आधा वस्त्र काट कर, वह इसने परिधान रूप ले कर खड़े कलि को दाँव पर लगा कर, नल को किया। तथा चुपचाप उसे वहीं छोड़ कर, यह चला गया खेलने का आह्वान दिया । दमयंती के सामने दिया यह (म. व. ५८.५९; दमयंती देखिये)। बाद में चेदि देश आह्वान अपना अपमान समझ कर, नल ने दाँव पर दाँव के सुबाहू राजा की पत्नी की सैरंध्री बन कर दमयंती ने लगाना शुरू किया। यह वृत्त नागरिकजनों को ज्ञात होते अपने बुरे दिन व्यतीत किये। ही उन्होंने मंत्रियों ने तथा स्वयं दमयंती ने हर प्रकार से | दमयंती को छोड़ कर चले जाने के बाद, नल ने एक इसे द्युत से परावृत्त करने की कोशिश की । शरीर में स्थान पर प्रदीप्त दावाग्नि देखा। उससे करुण ध्वनि निकल स्थित कलि के प्रभाव के कारण, नल यत खेलता ही रहा। रही थी, 'हे नल! मेरी रक्षा करो। फिर अग्नि में घिरे उस कारण, इसकी सारी संपत्ति, सुवर्ण, वाहन, रथ, घोडे कर्कोटक नाग को इसने बाहर निकाला । तब वह नाग प्रसन्न तथा वस्त्र दूसरे पक्ष ने जीत लिये । अपना तथा अन्य हो कर उसने नल से कहा, 'एक, दो, तीन, इस क्रम से किसी का भी उपदेश राजा नहीं सुन रहा है यह देख, | तुम चलना शुरू करो। मैं तुम्हारा कुछ कल्याण करना दमयंती न अपने पुत्र तथा कन्या को वार्ष्णेय नामक चाहता हूँ।तुम्हारा चलना शुरू होते ही, वह कार्य मैं पूरा सारथि के साथ रथ में बैठा कर, अपने पिता के यहाँ करूँगा। कुंडिनपुर भेज दिया (म. व. ५६-५७)। कर्कोटक के आदेशानुसार यह कदम गिनते गिनते चलने . नल का समस्त राज्य हरण कर लेने के बाद, पुष्कर ने इसे | लगा। अपने दसवें कदम पर इसने 'दश' कहा। 'दश' एक वस्त्र दे कर राज्य के बाहर निकाल दिया। इसके साथ | कहते ही कर्कोटक नाग ने इसे दंश किया, जिससे इस का दमयंती भी एक वस्त्र पहन कर निकल पडी । नगर के रूप बदल कर, यह कृष्णवर्ण एवं कुरूप बन गया। फिर बाहर नल तीन दिनों तक रहा । पुष्कर ने ढिंढोरा पिटवाया, नल ने व्याकुल हो कर कर्कोटक से पूछा, 'तुमने यह क्या 'जो नल का सत्कार करेंगे, या उससे सज्जनता का | किया ? ' कर्कोटक ने इस पर कहा, 'तुम नाराज न हो। व्यवहार करेंगे, उन्हें मृत्यु की सजा दी जावेगी'। इस तुम्हारे लाभ के लिये ही मैंने तुम्हें दंश किया है। तुम्हारे कारण किसीने नल की सहायता नहीं की। ये बदले हुए रूप से अब तुम्हें कोई भी पहचान नहीं ३५१
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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