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________________ दुर्योधन प्राचीन चरित्रकोश दुर्वासस् पश्चात् संजय दुर्योधन को मिलने के लिये आया। जन्मकथा-दुर्वासस् का जन्म किस प्रकार हुआ, इसकी • उस समय भी अन्य समाचार के साथ, दुर्योधन ने | तीन अलग कथाएँ प्राप्त है। वे इस प्रकार है: अपने धर्माचरण की गवाही पुनः पुनः दी। | (१) ब्रह्माजी के मानसपुत्रों में से, दुर्वासस् एक था। __ अश्वत्थामा खबर लेने पहुँचा । दुर्योधन ने उसे सैना- (२) अत्रि तथा अनसूया के तीन पुत्रों में से, दुर्वासस् पत्य दे कर, फिर यही बात दुहरायी। अपना धर्मपालन एक था (भा. ४.१, विष्णु. १.२५)। पुत्रप्राप्ति के हेतु, तथा पांडवों के अनी तिमय आचरण का कड़ा निषेध | अत्रि त्र्यक्षकुल पर्वत पर तपस्या करने गया। वहाँ उसने इसने व्यक्त किया । अश्वत्थामा क्रोधवश पांडवों के | काफी दिनों तक तपस्या की । उस तपस्या के कारण, उसके संहारार्थ निकला। लगभग पूरे संहार की खबर | मस्तक से प्रखर ज्वाला निकली, एवं त्रैलोक्य को त्रस्त करने दुर्योधन को स्वयं अश्वत्थामा ने दी। उस पर दुर्योधन ने | लगी । पश्चात् ब्रह्मा, विष्णु, एवं शंकर अत्रि के पास आये। संतोष व्यक्त किया, तथा यह पंचतत्व में विलीन हुआ | अत्रि का मनोरथ जान कर, अपने अंश से तीन तेजस्वी (म. सौ. ९)। पुत्र होने का वर उन्होंने अत्रि को दिया। उस वर के दुर्योधन के अग्निसंस्कार का निर्देश प्राप्त नहीं है।। कारण, अत्रि को ब्रह्मा के अंश से सोम ( चंद्र ), विष्णु फिर भी यह स्वर्ग में देवताओं के साथ बैठा हुआ के अंश से दत्त, एवं शंकर के अंश से दुर्वासस् ये तीन युधिष्ठिर ने प्रत्यक्ष देखा (म. स्वर्गा. १.४-५)। | पुत्र हुएँ (शिव. शत. १९) ___ कौटिल्य के मत में, बांधवों के साथ वैर करने से इसका | (३) शंकर के अवतारो में से दुर्वासस् एकथा (मार्क. नाश हुआ (कौटिल्य. अर्थशास्त्र. पृ. २२)। | १७.९-११; विष्णु. १.९.२)। शंकर ने त्रिपुर का नाश २. (सू. इ.) दुर्जय राजा का पुत्र । इसकी पत्नी करने के लिये एक बाण छोड़ा। त्रिपुर का नाश करने के नर्मदा । इसे सुदर्शना. नामक कन्या थी । वह अग्नि को बाद, वह बाण छोटे बालक का रूप ले कर, शंकर की गोद विवाह में दी गयी थी (म. अनु..२.१२-५० कुं.)। में आ बैठा । उस बालक को ही दुर्वासस् नाम प्राप्त हुआ • दुवे--(सो. कुरु. भविष्य.) नृपंजय राजा का पुत्र । | (म. अनु. १६०.१४-१५)। मत्स्यमत में उर्व तथा विष्णुमत में मृदु पाठभेद है। पुराणों में इसे अत्रि ऋषि का पुत्र एवं दत्त आत्रेय २. बुध ७. देखिये। का भाई कहा गया है (ब्रद्दा. ११७.२; अग्नि. २०.१२) । - दुर्वाक्षी--वसुदेव के भाई वृक की पत्नी। किंतु कौन से निश्चित काल में यह पैदा हुआ, यह कहना दुर्वार-कुंडलनगराधिपति सुरथ राजा का पुत्र। मुश्किल है। पौराणिक कथाओं में, कालदृष्टि से परस्परों से सुरथ राजा ने राम का अश्वमेधीय अश्व पकड़ लिया। सुदूर माने गये अनेक राजाओं के साथ, इसका निर्देश 'उस अश्व को छुड़ाने के लिये शत्रुघ्न ने सुरथ से युद्ध प्राप्त है। उनके नाम इस प्रकार है:-(१) अंबरीष * किया । उस युद्ध में यह शामिल था ( पन. पा.४९)। (भागवत. ९.४.३५), (२)श्वेतकि (म. आ. परि.१. दुर्वारण-जालंधर दैत्य का दूत । जालंधर की आज्ञा- | ११८), (३) राम दाशरथि (पान. उ. २७१.४४), नुसार, क्षीरसागर से देव-दैत्यों ने निकाले चौदह रत्न | (४) कुन्ती (म. आ. ६७), (५) कृष्ण (ह. वं. माँगने के लिये, यह इंद्र के पास गया । परंतु उन्हें देने | २९८-३०३), (६) द्रौपदी (म. व. परि.१ क्र. २५)। से इन्कार कर, इंद्र ने जालंधर से युद्ध घोषित किया। इन निर्देशों से, प्रतीत होता है कि, नारद के समान पश्चात् देव दैत्यों का संग्राम हो कर, उस में यम के साथ दुर्वासस् भी तीनों लोक में अप्रतिबंध संचार करनेवाली इसका युद्ध हुआ (पान. उ.५)। बाद में विष्णु या शंकर एक अमर व्यक्तिरेखा थी। इंद्र से अंबरीष, राम एवं कृष्ण में से प्रथम किससे युद्ध किया जावे, यह समस्या जालंधर तक, तथा स्वर्ग से पाताल तक किसी भी समय वा स्थान, के सामने आई। तब इसने उसे सलाह दी, 'वह प्रकट हो कर, अपना विशिष्ट स्वभाव दुर्वासस् दिखाता प्रथम शंकर से युद्ध करें' (पन. उ. १६)। | है। कालिदास के 'शाकुंतल' में भी, शकुंतला की संकट दुर्वासस् आत्रेय--बडे उग्र तथा क्रोधी स्वभाव का परंपरा का कारण, दूर्वासस् का शाप ही बताया गया है। एक ऋषि (मार्क. १७.९-१६, विष्णु. १.९.४.६)। क्रुद्ध हो कर शाप देना, एवं प्रसन्न हो कर वरदान देना, इसीके नाम से, क्रोधी एवं दूसरे को सतानेवाले मनुष्य | यह दुर्वासस् के स्वभाव का स्थायिभाव था। इस कारण को 'दुर्वाससू' कहने की लोकरीति प्रचलित हो गयी हैं। | सारे लोग इससे डरते थे। २८५
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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