________________
ज्वाला .
प्राचीन चरित्रकोश
दुण्डि
इसने शिरच्छेद किया (जै. अ. १५)। पश्चात् अर्जुन- ज्वालायन--गोषुक्तिन् का शिष्य (जै. उ. ब्रा. ४. पत्नी उलुपी ने नागलोक में से अमृत ला कर अर्जुन को | १६.१)। पुनः जीवित किया (अर्जुन देखिये)।
झिल्ली--वृष्णिवंश का एक यादव । यह द्रौपदीस्वयंवर | में उपस्थित था (म. आ. १७७.१८; द्रो. १०.२८)।
ट
टण्ड--एक शाखाप्रवर्तक (पाणिनि देखिये)।
| टिभ--वरुण लोक का असुर ।
ड
डंभोद्भव--दंभोद्भव देखिये।
समाचार डिंभक को किसीने बताया । तब हंस के बिना डिभक-डिंभक देखिये!
इस लोक में नहीं रहूँगा, यह कह कर डिंभक ने यमुना में डिभक-जरासंध का प्रधान तथा हंस का कनिष्ठ प्राण छोड़ दिये (म. स. १३.४१, ह. वं. ३.१०३भ्राता । इसे डिभक अथवा डिंभक भी कहते है (दुर्वासस् १२९)।। देखिये)। इसके भाई हंस की मृत्यु हो गयी। यह ।
ढ
दुण्डा -एक राक्षसी।
...
दुण्डि-शक्ति-पुत्र । गणेश का नामान्तर । दुरासद देखिये।
२३९
।