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________________ ऊरु प्राचीन चरित्रकोश ऋक्ष ऊरु आंगिरस-- मंत्रद्रष्टा (ऋ. ९.१०८.४५)। ऊर्जित--(सो. यदु) कार्तवीर्य के प्रमुख पांच पुत्रों ऊर्ज-स्वारोचिष मनु का पुत्र । सप्तर्षियों में से एक । | में से एक । २. उत्तम मन्वंतर के सप्तर्षियों में से एक । ऊर्ण--पूस में सूर्य के साथ घूमने वाला यक्ष । ३. उत्तम मनु का पुत्र। ऊर्णनाभ--(सो. कुरु) धृतराष्ट्रपुत्र । ४. सुधामन देवों में एक। . २. कश्यप तथा दनु का पुत्र । ५. (स्वा. उत्तान.) वत्सर तथा स्व:थि का पुत्र । ऊर्णनाभि-- अत्रिकुलोत्पन्न ऋषि । ६. (सो. अज.) वायुमतानुसार सुधन्वन् का पुत्र।। ऊर्णा-स्वायंभुव मन्वंतर में मारीचि प्रजापति की स्त्री। ऊर्जयत् औपमन्यव-भानुमत् का शिष्य । इसका | २ (स्वा. प्रिय.) चित्ररथ राजा की स्त्री । इसका पुत्र शिष्य सुशारद (वं. ब्रा. १)। सम्राज् (भा. ५. १५. १४)। ऊर्जयोनि--विश्वामित्र का पुत्र (म. अनु. ५९.७ - ऊर्णायु-इसकी स्त्री मेनका (म. उ. ११५.४००.* पंक्ति ४)। प्राघा से उत्पन्न देवगंधों में से एक। ऊर्जवह-(सू. निमि.) विष्णुमतानुसार शुचिपुत्र । ऊजेव्य-यज्ञ करनेवाले एक यजमान का नाम (ऋ. ऊध्वकृशन यामायन-सूक्तद्रष्टा (ऋ. १०.१४४)। ५.४१.२०)। ऊर्ध्वकेतु--(सू. निमि.) सनद्वाज जनक का. पुत्र । ऊर्जस्वती--(स्वा.) प्रियव्रत तथा बर्हिष्मती की इसका पुत्र अज। कन्या । शुक्र की स्त्री (भा. ५.१.२४)। . २. कश्यप तथा सुरभि के पुत्रों में से एक। . २. अष्ट वसुओं में प्राण वसु की स्त्री। ऊर्ध्वग--कृष्ण तथा लक्ष्मणा का पुत्र । एक महारथी। ऊर्जस्विन्--वैवस्वत मन्वंतर का इंद्र। । ऊर्ध्वग्रावन आदि-- सूक्तद्रष्टा (ऋ. १०.१७५)। ऊर्जा--दक्ष की पुत्री तथा वसिष्ठ की स्वायंभुव । ऊर्ध्वदृष्टि--पुलह तथा श्वेता का पुत्र । इसे पांच पुत्र मन्वंतर की पत्नी। उस समय इसे चित्रकेतु, सुरोचि, , तथा पांच कन्याएं थीं (ब्रह्माण्ड. ३.७.२०५)। . विरजामित्र, उल्बण, वसुभृत् , यान तथा धुमान् नामक सात पुत्र हुए (भा. ४.१.३८)। इससे भिन्न संतति का भी ऊर्ध्वनाभा ब्राह्म-- सूक्तद्रष्टा (ऋ. १०.१०९)। उल्लेख है।--१. पुंडरिका २. रक्षस् (रत्न), ३. गर्त, ऊर्ध्वबाहु-रैवत मन्वन्तर के सप्तर्षियों में से एक । ४. ऊर्ध्वबाहु, ५. सवन, ६. पवन, ७. सुतपस् , ८. शंकु | ऊर्ध्वसद्मन् आंगिरस-मंत्रद्रष्टा (ऋ. ९.१०८.९)। (ब्रह्माण्ड २.१२.३९-४३)। ऊर्व-उर्व देखिये। ऋ ऋक्ष-आक्ष तथा श्रुतर्वन् देखिये। ३. (सो, पुरूरवस्.) अजमीढ़ तथा धूमिनी का पुत्र । २. (सो. पूरु.) ऋचा का पुत्र । इसकी पत्नी तक्षक| इसकी स्त्री रथंतरी । इसका पुत्र संवरण (म. आ. ८९. की कन्या ज्वलन्ती थी। इसका पुत्र अंत्यनार (म. आ. २७-२८; चक्षु देखिये)। ९०.२४; अंतिनार देखिये)। । ४. (सो. कुरु.) वायुमतानुसार देवातिथिपुत्र। . ९४
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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