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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . ५६
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ |शब्द / लिंग / श्लोक./ अर्थ उल्ब पुं न. ५४० गर्भाशय, गर्भस्थान । उषित पुं १४८६ बळेलु उल्ब पुं न. ५४० शुक्र अने रुधिरनुं मिश्रण, | उषेश पुं २३० कामनो पुत्र..
. गर्भवेष्टन चर्म उष्ट्र पुं १२५४ ऊंट ... उल्बण न. १४६७ स्पष्ट
उष्ण पुं १५७ ग्रीष्म ऋतु, जेठ अने उल्मुक न. ११०३ अंगारो, उंबाडीयु
. अषाढमां . . उल्लकसन न. ३०६ रोमांच
उष्ण पुं ३८४ दक्ष, होशियार उल्लाघ पुं ४७४ नीरोगी ।
उष्ण वि. १३८५ उष्ण स्पर्श उल्लाप पुं २७५ शोक, भय वगेरेथी उष्णक पुं ३८४ दक्ष, होशियार
स्वरनुं बदलावं ते (उष्णवरण) न. ७१७ राजानु छत्र उल्लोच पुं६८१ चंदरवो
उष्णवीर्य पुं १३५० जलनो वांदरो, उल्लोल पुं १०७६ तरंग, पाणीना मोटा मोजा
शिशुमार मच्छ उशती स्त्री २७३ (शि. १८) खराब शब्द | उष्णांशु पुं ९५ सूर्य ..
अमांगलिक शब्द | उष्णागम पु १५७ ग्रीष्म ऋतु - जेठ उशनस् पुं ११९ शुक्र, दानवोनो गुरु
अने अषाढमां उशस् स्त्री १४३ (शे. २०) रात्रि . | उष्णिका स्त्री ३९७ राबडी, कांजी उशीर पुं. न. ११५८ काळा वाळानुं मूळ | उष्णीष पुं न. ६५१ मुगट उषणा स्त्री ४२१ (शे. १०३) पीपर उष्णीष पुं. न. ६६७ पाघडी, फेंटो उषर्बुध पुं १०९९ अग्नि
उस्त्र पुं ९९ किरण उषस् न. १३९ प्रभात काळ
उना स्त्री १२६५ गाय उषा स्त्री अ. १४३ रात्रि
उहार पुं १३५३ (शि. १२२) काचबो उषा स्त्री १२६५ गाय
. ऊ . उषा अ. १५३३ रात्रि
ऊढा स्त्री ५१३ पत्नी, परणेली स्त्री उषा अ. १५३६ निशांत, रात्रिनो छेडो, ऊत न. १४८७ सीवेलं, वणेखें __ प्रातःकाल
ऊधस् न. १२७२ आंचळ 'उषा' स्त्री १०१९ थाळी, तपेली ऊधस्य न. ४०४ दूध उषाकील पुं १३२५ (शे. १९३) कुकडो | ऊम् अ. १५७२ (शे. २०१) प्रश्नार्थ बतावनार (उषारमण) पुं २३० कामनो पुत्र । ऊरव्य पुं (ब.व.) ८६४ वैश्य