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' शब्दमाला • ५५ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ उरग पुं १३०३ सर्प, नाग
| उर्वरा स्त्री ९३९ ज्यां सर्व प्रकार(उरगभूषण) पुं १९९ शंकर, महादेव
धान्य थाय तेवी भूमि उरण पुं १२७६ घेटुं
| उर्वशी स्त्री १८३ उर्वशी नामनी अप्सरा, 'उरणाख्य' पुं ११५८ फुवांडियो,
स्वर्गनी वेश्या पुंवाडीआनुं वृक्ष | उर्वशीरमण पुं ७०१ पूरुरवा राजा, उरभ्र पुं १२७६ घेटुं
उर्वशीनो पति उररीकृत न. १४८९ स्वीकार करेलुं .. |'उर्वारु' स्त्री ११८९ काकडी उरश्छद पुं ७६६ बख्तर, कवच | 'उर्वालु' स्त्री ११८९ काकडी उरस् न. ६०२ छाती, बे हाथ वच्चेनो भाग | उर्वी स्त्री ९३५ पृथ्वी (उरसिज) पुं ६०३ स्तन
(उर्वीधर) पुं १८ (परि.) पर्वत, राजा उरसिल पुं ७९२ विशाल छातीवाळो भाग | (उर्वीभृत्) पु.१८ पर्वत, राजा उरस्य पुं ५५० पोतानाथी स्व स्त्रीमा उत्पन्न | उलक्का स्त्री ११०२ अग्निनी मोटी ज्वाला
थयेलो पुत्र, सगो पुत्र | उलन्द पुं २०० (शे. ४७) शंकर, महादेव उरस्वत् वि. ७९२ विशाल छातीवाळो उलप पुं १११८ विस्तार पामेल वेलो, उराह पुं १२४० कंईक सफेद अनें । |
गुच्छावाळी वेलडी ___काळी जंघावाळो घोडो | उलप पुं ११९४ एक प्रकारचें कोमल घास 'उरीकृत' न. १४८८ स्वीकारेखें | उलूक पुं १:३२४ घुवड उरु पुं १४३० विशाळ, मोटुं | उलूखल पुं ८१६ व्रतमां धारण करवा योग्य उरु .पुं १११४ (शे. १७४) वृक्ष, झाड -
उदुम्बरनो दंड उरुक्रम पुं २१९ (शे. ६५) विष्णु, नारायण | उलूखल न. १०१६ खांडणी, खांडणीयु उरुगाय पुं २१९ (शे. ६५) विष्णु, नारायण | 'उलूखलक' न. ११४२ गूगळनुं झाड उरुरीकृत न. १४८८ स्वीकार करेलुं - 'उलूपिन्' पुं १३४६ एक जातनुं माछलुं उरुवुक पुं. ११५० एरंडो
| उलूपी पुं १३४६ एक प्रकारनो मच्छ, शिशुमार उरुवूक पुं. ११५० एरंडो..
उलूलु पुं५१८ (शे. १०९) लग्नमां वपरातो उरोज पुं (द्वि:वं.) ६०३ स्तन ...
मांगलिक शब्द उर्सङ्ग पुं १०२७ (शे. १५८) पर्वत उल्का स्त्री ११०३ तेजनो समूह, उर्वङ्ग पुं १०७४ (शे. १६७) समुद्र ।
ज्वाला रहित अग्नि