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अभिधानचिन्तामणिनाममाला
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शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ उपाकृत पुं ८२९ जे पशु मन्त्रथी मन्त्रीने हणाय ते उपाग्र न. १४४१ गौण, अप्रधान उपात्यय पुं १५० ४ अतिक्रम, क्रमनुं उल्लंघन उपादान न. १५२४ इंदियाने विषयथी पाछी खेंचवी ते
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शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ उपास्ति स्त्री ४९७ (शिं. ३८) सेवा, भक्ति उपाहित पुं १२६ अग्निनो उपद्रव उपाहित पुं १४८५ जोडायेलुं उपेक्षा स्त्री ७३८ उपेक्षा, तिरस्कार, राजाना त्रण क्षुद्र उपायो पैकी एक उपेन्द्र पुं २१४ विष्णु, नारायण उपोद्घात पुं. २६२ प्रस्तावना, शास्त्र प्रारंभ वचन
उपाधि पुं ४७८ कुटुंब पोषण करवामां उद्यत उपाधि पुं १३८१ धर्मनो विचार उपाध्याय पुं ७८ अध्यापक उपाध्याया स्त्री ५२४ भणावनारी स्त्री, शिक्षिका उपाध्यायानी स्त्री ५२३ उपाध्यायनी पत्नी उत्कृष्ट न. ९६९ प्रथम वावीने पछी
खेडे खेतर उभ वि. (द्वि.व.) १४२३ बे, बने उभयद्युस् अ. १५४२ ( शे. २०४) बने दिवसे उभयेद्युस् अ. १५४२ (शे. २०४) बने दिवसे उम् अ. १५४२ क्रोधवाळु वचन
बतावनार अव्यय
उपाध्यायी स्त्री ५२३ उपाध्यायनी पत्नी. उपाध्यायी स्त्री ५२४ भणावनारी स्त्री, शिक्षिका उपानह् स्त्री ९१४ जोड़ा; बूट, चपल उपान्त न. १४५० समीप, नजीक उपाय पुं (ब.व.) ७३६ साम, दाम, भेद, दंड आ चार उपाय उपायन न. ७३७ दान, भेट, लांच (उपालिन्दक ) पुं १०१० बारणा आगळ करेलो ओटलो उपावर्तन न. ९४७ (शि. ८४) देश, माणसोनी वस्तीवाळो देश उपाशकदशा स्त्री (ब.व.) २४४ ७मुं अंग उपासङ्ग पुं ७८१ बाण राखवानुं भाभुं उपासन न. ७८८ (शे. १५२) शस्त्रकळानो
अभ्यास उपासना स्त्री ४९७ (शि. ३८) सेवा, भक्ति
उपोद्घात पुं १५१० ज्ञानपूर्वक
आरंभ - शरुआत
उमा स्त्री २०३ शंकरनी स्त्री, पार्वती उमा स्त्री १९७९ अळसी उमापति पुं १९९ शंकर, महादेव उमावन न. ९७७ बाणासुरनुं नगर उमासुत पुं २०८ कार्तिकेय, शंकरनो पुत्र उम्बर पुं १००९ घरनो उंबरो उम्बुर पुं १००९ घरनो उंबरो उम्य न. ९६७ अळसीनुं खेतर उरः सूत्रिकां स्त्री ६५७ नाभि सुधी लटकती माळा