________________
शब्दमाला
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ उपरिष्टात् अ. १५२६ ऊंचुं, उपर उपल पुं न. १०३६ पत्थर उपलब्धि स्त्री ३०९ बुद्धि उपलम्भ पुं १५२० प्राप्ति, लाभ उपलिङ्ग न. १२५ अकस्मात के उपद्रव उपवन न. ११११ बगीचो, वाडी उपवर्तन न. ९४७ देश, माणसोनी वस्तीवाळो देश
उपवसथ पुं ९५१ गाम
उपवस्त्र न. ८४२ (शि. ७३) उपवास
• ५३
- शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ उपसन्न पुं १४९४ नमेल, पासे रहेल ( उपसेचन ) न. ३९९ कढी, व्यंजन उपसम्पन्न पुं ३७३, मरेलो
उपसम्पन्न न. ४१३ सिद्ध अन्न, मशाला वगेरेथी युक्त स्वादिष्ट अन्न उपसंव्यान न. ६७३ नीचे पहेरवानुं वस्त्र उपसर पुं १२७४ गर्भाधान काल (गायनो) उपसर्ग पुं १२५ अकस्मात, उपद्रव . उपसर्जन न. १४४१ गौण, अप्रधान उपसर्या स्त्री १२६८ गर्भग्रहण समयने प्राप्त थली गाय
उपवास पुं न. ८४२ उपवास
उपवीत पुं न. ८४५ जमणा खभे
उपवाह्य पुं १२२२ राजाने बेसवा योग्य हाथी उपसूर्यक न. १०१ मंडल, सूर्य/चंद्रनी उपविष न. १३१४ बनावेलुं झेर चोमेर गोळाकारे देखातुं तेज विष्ट पुं ४९२ बेठेलो उपस्कर पुं ४१७ मसालो सूंठ, मरी वगेरे उपस्थ पुं- ६०२ शरीरनो पूर्वभाग, खोळो उपस्थ पुं नं. ६११ स्त्री अने पुरुषनुं चिह्न उपस्थित पुं. १४९४ नमेल, पासे रहेल उपस्पर्श मुं ८३७ आचमन, वेदोक्त मंत्रपूर्वक
धारण करेली जनोई उपवैणव न. १४० त्रण संध्या उपशम पुं ३०४. शांति, शांतरसनो स्थायीभाव उपशल्य न. ९६३ गामनो सीमाडो उपशाय पुं १५०३ पहेरेगीरोनुं वाराफरती सूवुं ते ( उपशोचन ) नं. २७५ शोक करवो, रुदनपूर्वक बोलवु ते उपश्रुत १४८९ स्वीकारेलुं स्वीकार करेलुं उपश्रुति स्त्री २६३ देवप्रश्न, प्रश्नफल
जाणवा माटे वचन उपसङ्ग्रह पुं ८४४ पगमां पडवु, नमस्कार, वंदन
पाणीथी मुख वगेरेनो स्पर्श उपहार पुं ४४७ बलिदान, पूजानी सामग्री उपहार पुं ७३७ दान, भेट, लांच उपहालक पुं (ब.व.) ९६१ कुंतलदेश, दक्षिण भारतनो देश उपह्वर पुं न. ७४१ एकांत उपांशु अ. १५३८ एकांत, गुप्त उपाकरण न. ८४१ वेदपाठना आरंभमां श्रुतिनुं संस्कार पूर्वक ग्रहण करवुं ते