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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . ५२ .
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द /लिंग / श्लोक / अर्थ उपत्यका स्त्री १०३५ तळेटी उपपुर न. ९७२ परुं, उपनगर उपदंश पुं ९०७ मदिरा पीवानी, प्रीति उत्पन्न | | उपप्रदान न. ७३७ दान, भेट, लांच
. करे तेवो भक्ष्य पदार्थ उपप्लव पुं १२५ चंद्रग्रहण के सूर्यग्रहण उपदा स्त्री ७३७ दान, भेट, लांच उपप्लव पुं १२१ (शे. १६) राहु उपदीका स्त्री १२०८ उधेई
उपबह पुं ६८३ ओशीकुं उपदेहिका स्त्री १२०७ उधेई
(उपबाहु) पुं५९० कोणीथी नीचेनो कांडा उपद्रव पुं १२५ अकस्मात, उपद्रव
. सुधीनो भाग . उपधा स्त्री ७४० धर्म, अर्थ, काम अने भय | उपभृत् स्त्री ८२८ यज्ञपात्र विशेष वगेरेथी अमात्यादिकनी परीक्षा करवी ते | उपभोग पुं ६३८ स्त्री वगेरेनो उपभोग उपधा स्त्री ३३८ (शि. २६) कपट, माया | उपभोगान्तराय पुं ७२ तीर्थंकरमा न होय उपधान न. ६८३ ओशीकुं
ते १८ दोषमाथी पांचमो दोष उपधि स्त्री ३७८ कपट, माया . उपमा स्त्री १४६२ समान, तुल्य उपधृति पुं ९९ किरण
| उपमा स्त्री १४६३ समानपणुं, उपमा उपनत पुं १४९४ नमेल, उपस्थित | उपमातृ स्त्री ५५८ धावमाता उपनय पं ८१४ जनोई, संस्कार | उपमान न. १४६३ उपमा, समानपणुं उपनाय न. ८१४ जनोई, संस्कार... | (उपमिति) स्त्री १४६३ समानपणुं, उपमा उपनाह पुं २९० वीणाना तारनुं बंधन उपयन्त पुं५१७ (शि. ४२) प्रिय, पति, वर उपनिधि पुं ८७० थापण
उपयम पुं ५१८ विवाह उपनिषद् न. २५० वेदान्त, वेद रहस्य उपयाम पुं ५१८ विवाह उपनिष्कर न. ९८७ राजमार्ग
उपरक्त न. ३८१ व्यसनथी पीडायेल उपनिष्क्रमण न. ९८७ राजमार्ग उपरक्षण न. ७४९ सैन्यने सज्ज करवू अने उपनीतरागत्व न. ६६ मालकोश वगेरे
रक्षण करवू ते रागयुक्त, प्रभुवाणीनो ७मो गुण | उपरति स्त्री १५२२ निवृत्ति, अटकवू उपन्यास पुं २६२ प्रस्तावना, उपोद्घात | उपरम पुं १५२२ निवृत्ति, अटकवू उपपति पुं ५१९ पतिना जेवो, जार पुरुष | उपराग पुं १२५ चंद्रग्रहण के सूर्यग्रहण उपपादुक (ब.व.) पुं १३५७ पोतानी मेळे | उपराग पुं १२१ (शे. १६) राहु
उत्पन्न थनारा देव, नारकी | उपरि अ. १५२६ ऊचुं, उपर