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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . ४२
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ आस्य न. ५७२ मुख
आह्निक न. २५५ एक दिवसमा भणावी आस्यलाङ्गल पुं १२८८ भुंड
. शकाय तेटलो ग्रंथ भाग आस्यलोमन् पुं ५८३ दाढी, मुझ ... आह्वय पुं २६० नाम . आस्या स्त्री १४९८ स्थान, स्थिति आह्वा स्त्री २६० नाम 'आस्यासव पुं ६३३ लाळ
आह्वान न. २६१ बोलावq ते आस्रव पुं १३७५ दोष, कष्ट, दुःख आस्रव पुं ३९६ (शे. ९६) उकाळेला । इक्षु पुं ११९४ शेरडी
अनाजनुं धोवण, ओसामण | इक्षु पु १२०० गांठमांथी उत्पन्न थयेली आहत न. १४८३ गुणाकार करेलु
शेरडी वगेरे आहतलक्षण पुं ४३७ गुणोथी प्रसिद्धि पामेल | 'इक्षुगन्धा' स्त्री ११५६ गोखरु आहर पुं१३६८ अंदरनो श्वास, उच्छ्वास | इक्षुरसक्वाथ पु ४०२ गोळ आहव पुं ७९६ युद्ध, लडाई.
इक्षुवारि पुं १०७५ इक्षु समुद्र आहवनीय पुं ८२६ त्रण प्रकारना अग्निमांथी | (इक्षुद) पुं १०७५ इक्षु समुद्र
एक प्रकारनी अग्नि | इङ्ग न. १४५४ जंगम, हालतुं चालतुं आहार पुं ४२३ भोजन
इङ्ग पुं १५१३ इशारो आहारतेजस् पुं ६२० रसधातु इङ्गित न. १५१३ ईशारो आहारनीहारविधि स्त्री ५८ आहार, नीहार, | इगुदी त्रि ११४३ तापसोनुं वृक्ष, इंगोरीओ लोको देखी न शके तेवो प्रभुनो अतिशय | इच्छा स्त्री ४३० इच्छा आहार्य पुं२८३ भूषण वगेरेथी करायेल अभिनय | | इच्छावसु पुं १८९ कुबेर देवता आहाव पुं १०९२ हवाडो
इज्जल पुं ११४५ नेतर, समुद्रफळ आहिक पुं १२१ केतु ग्रह
इज्याशील पुं ८१८ यज्ञ करनार आहिताग्नि पुं ८३५ अग्निहोत्री इट्चर पुं १२५९ आखलो, सांढ आहितुण्डिक पुं ४८८ सर्प- झेर उतारनार | इड्वत्सर पुं १५९ (शे. २७) वरस आहुति स्त्री ८२१ होम, अग्निमां होमवू ते | इडावत्सर पुं १५९ (शे. २७) वरस आहो अ. १५३६ विर्तक जणावनार अव्यय | इडिक्क पुं १२७७ जंगली बकरो आहोपुरुषिका स्त्री ३१८ हुँ शक्तिमान छु| इतर पुं ९३२ असंस्कारी, नीच
एवी पोतानामां संभावना राखवी ते | इतर स. १४६८ भिन्न, जुएं