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शब्दमाला . १९ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ अमुष्यपुत्र पुं ५०२ प्रख्यात पितानो पुत्र | (अमोघा) स्त्री ११४४ कांकच, काचकी 'अमृणाल' न. ११५८ काळा वाळा, मूळ | अम्बक न. ५७५ आंख अमृत न. ७४ मोक्ष
अम्बर न. १६३ आकाश अमृत न. ८९ अमृत
अम्बर न. ६६६ वस्त्र अमृत न. ८३४ यज्ञ करतां बचेखें, द्रव्य | अम्बरस्थली स्त्री ९३८ (शे. १५८) पृथ्वी अमृत न. ८६६ मांग्या विना मळेलुं अम्बरीष पुं न. १०२० चणा वगेरे अमृत न. १०६९ पाणी
शेकवानी कडाई अमृत न. ४०४ (शे. १००) तरत दोहेलुं | अम्बष्ठ पुं ८९६ ब्राह्मण अने वैश्य स्त्रीथी
___. उत्पन्न थयेलो अमृतधुति पुं १०५ चन्द्रमा
'अम्बष्ठा' स्त्री ११४८ जुई (अमृतप) पुं ७ (परि.) देवो अम्बा स्त्री ३३५ माता, अमृतपायिन् पुं ७ (परि.) देवो ।
नाटकमां वपरातो शब्द (अमृतभुज्) पुं ७ (परि.) देवो अम्बा स्त्री ५५७ माता (अमृतलिह) पुं ७ (परि.) देवो अम्बिका स्त्री ४६ श्री नेमिनाथ प्रभुनी (अमृतव्रत) पुं ७ (परि.) देवो ।
. शासन देवी अमृतसू पुं १०४ चंद्रमा
अम्बिका स्त्री २०३ पार्वती अमृता स्त्री ११५७ गळो
अम्बु न. १०६९ पाणी 'अमृता' स्त्री. ११४५ आमळा अम्बुकर्म पुं १३५० जळवांदरो, अमृता स्त्री ११४६ हरडे .
शिशुमार मच्छ अमृतान्धस् पुं ७ परि. देवो अम्बुघन पुं १६६ (शे. ३०) पाणीना करा अमृतान्धस् (ब.व.) पुं. ८८ देवो 'अम्बुज' पुं ११४५ समुद्रफळ, अमृताश पुं ७ परि. देवो
___ पाणीमां थतुं नेतर अमृताशन पुं ७ परि. देवो
अम्बुतस्कर पुं ९८ (शे. १०) सूर्य अमृतासङ्ग न. १०५३ मोरथुथु, खापरीउं (अम्बुद) (टी) पुं १०५१ अबरख अमेधस् पुं ३५२ मूर्ख .. अम्बुमत् पुं ९५३ बहु पाणीवाळो देश अमोघा स्त्री २०५ (शे. ५०) पार्वती | अम्बुवृद्धि स्त्री १०८७ जळवृद्धि, पूर
卐 परि = परिभाषा