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शब्दमाला • १७
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ . | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ अभिनिर्याण न. ७८९ प्रयाण
शत्रु सामे जवं अभिनिवेश पुं १५०० आग्रह
अभिसंपात पुं ७९७ युद्ध अभिनीत न. ७४३ योग्य
अभिसारिका स्त्री ५२९ कामनी इच्छाथी अभिपन्न पुं ४७९ शरणार्थी
प्रिय पासे जनारी स्त्री अभिप्राय पुं १३८३ अभिप्राय अभीक पुं ४३४ कामुक अभिभव पुं ४४१ पराभव, तिरस्कार अभीक्ष्णम् अ. १५३१ वारंवार अभिभूत पुं ४४० पराभव पामेलो अभीशु पुं ९९ किरण अभिभूत पुं ८०५ हारेल
अभिषङ्ग पुं २७२ निंदा, शाप अभिमन्त्रण न. २६१ बोलावq ते (अभीषु) (टी) पुं ९९ किरण अभिमाति पुं ७२९ शत्रु
अभ्यग्र न. १४५० समीप, पासे अभिमान पुं ३१७ गर्व
अभ्यञ्चन न ४१७ तेल अभिमुख न. १४३७ सम्मुख
अभ्यन्तर न १४६० वच्चे, अंदरनुं अभियाति पुं ७२८ शत्रु
अभ्यमित पुं ४५९ रोगी अभियोग पुं ३०० उत्साह
अभ्यमित्रीण पुं ७९२ शत्रु सामे जनार अभिराम न. १४४४ सुन्दर
अभ्यमित्रीय पुं ७९२ शत्रु सामे जनार अभिरूप पुं ३४१ पंडित
अभ्यमित्र्य पुं ७९२ शत्रु सामे जनार अभिलाव पुं १५२१ कापq ते .. | अभ्यर्ण न. १४५१ पासे अभिलाष पुं ४३१ इच्छा
अभ्यवस्कन्द पुं ८०० धाड, अभिलाषुक पुं ४२९ अभिलाषुक 1. कपटथी अचानक छापो मारवो ते अभिवादक पुं ३४९ वंदन करनार | अभ्यवहार पुं ४२३ खाएँ, भोजन अभिवादन न. ८४४ पगमां पडवू ते अभ्याख्यान न. २६८ असत्य आक्षेप . अभिव्याप्ति स्त्री १५१७ सर्व तरफ व्यापq | अभ्यागत पुं ४९९ अतिथि, महेमान अभिशस्त पुं ४३६ ठपका लायक । | अभ्यागम पुं ७९७ लडाइ अभिषव पुं९०५ मदिरा बनाववानी क्रिया | अभ्यागारिक पुं ४७८ कुटुंब, पोषण अभिषस्ति स्त्री ३८८ (शे. ९५) याचना करवी |
करवामां उद्यत (अभिषुत) (टी) न ४१५. कांजी अभ्यादान न. १५१० ज्ञानपूर्वक आरंभ, अभिषेणन न. ७९० सेना रहित
शरुआत