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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १६ ..
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ अप्सरस् स्त्री १८३ इन्द्राणी
अभाव पुं १५१७ नाशं अफल न. १५१६ व्यर्थ
अभाषण न. ७७ मौन अबकेशिन् पुं १११६ जेने फळ न आवे | अभिक पुं ४३४ कामी
तेवू वृक्ष | अभिक्रम पुं ७९१ युद्धमा निर्भय थइ अबद्ध न. २६७ अर्थ विनानुं बोल, ते
.. शत्रु सामे जq ते अबद्धमुख वि. ३५१ अप्रिय बोलनार अभिक्रम पुं.-१५१० सामे जर्बु अबला स्त्री ५०४ नारी
अभिख्या स्त्री २६० नाम : अबाध न. १४६६ अंकुश रहित अभिख्या स्त्री २७३ यश, कीर्ति अब्ज न. ४७ कमल, छठा भगवान, लंछन | अप्रिख्या स्त्री १५१२ कान्ति, शोभा अब्ज पुं १०५ चन्द्रमा
अभिचर पुं ४९६ सेवक अब्ज न. ८७४ अवज (संख्या) अभिचार पुं ८३० उच्चाटन, मारण वगेरे अब्जबान्धव पुं ९६ सूर्य
अभिज पुं ५०३ (शि. ३९) कुळवान, अब्जहस्त पुं ९६ सूर्य
खानदान अब्जिनीपति पुं ९७ सूर्य
अभिजन पुं ५०३ वंश, कुल अब्द पुं न. १५९ वर्ष
अभिजात पुं ५०२ कुळवान (अब्दवाहन) पुं १९७ शंकर, महादेवं अभिज्ञ पुं ३४३ होशियार अब्धिकफ पुं १०७७ समुद्रना फेण अभिज्ञान न. १०६ लांछन, चिह्न अब्धिज (द्वि. व.) पुं १८२ स्वर्गना वैद्य 'अभितस्' अ. १४५१ समीप, पासे अब्धिजा स्त्री ९०३ मदिरा
| अभिधा स्त्री २६० नाम अब्धिमण्डूकी स्त्री १२०४ मोतीनी छीप | अभिधान न. २४१ (शे. ८२) वाणी, वचन अब्धिशयन पुं २१४ विष्णु
अभिध्या स्त्री ४६१ पर धन लेवानी इच्छा अब्ध्यग्नि पुं ११०० वडवानल अभिनन्दन पुं २६ चोथा भगवाननुं नाम अब्रह्मण्य न. ३३५ अवध्य ब्राह्मणना। | अभिनय पुं २८२ हाथ वगेरेथी हृदयनो __ पोकारमा बोलातो शब्द
भाव जणाववो ते 'अभय' न. ११५८ काळा वाळानुं मूळ | अभिनव न. १४४८ नवीन अभयद पुं २५ जिनेश्वर भगवान अभिनिर्मुक्त { ८६० सूर्यास्त पहेला अभया स्त्री ११४६ हरडे
' सुनार, ब्राह्मण