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शब्दमाला
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ अपवाद पुं २७१, निंदा अपवारण न १४७७ ढांकण अपवारित न १४७६ ढंकायेलुं अपविद्ध न. १४७४ निराकरण करेलुं अपशद न. १४४३ अधम
अपष्ट न १२३१ अंकुशनो आगळनो भाग अपष्ठ न १४६५ विपरीत
अपष्ठुर न. १४६५ विपरीत
अपसव्य न. १४६५ विपरीत अपसव्य १४६६ जमणुं अंग
अपस्कर (व.व.) पुं ७५८ चक्र सिवायना रथना अंगो
अपस्नान न. ३७५ मरेलानुं स्नान अपस्मार पुं ३२१ धातुओना वैषम्यथी थतो आवेश
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· १५.
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ
अपान न. ६१२ गुदा अपान पुं ११०८ डोकनी आगळनो भाग, पीठ, गुदा अने पगनी पानी सुधीनो पवन अपावृत पुं ३५५ स्वच्छंदी
अपावृत्त न. १२४५ घोडानुं जमीन उपर आळो
अपाङ्गदर्शन न ५७८ कटाक्ष अपाच् न. १६८ दक्षिण दिशामां
उत्पन्न थयेलुं अपाची स्त्री १६७ दक्षिण दिशा अपाचीतरा स्त्री १६७ (शे. ३१) उत्तर दिशा अपाचीन नः १६८ दक्षिण दिशामां उत्पन्न थयेलुं
अपाटव न. ४६२ रोग
अपाश्रय पुं १०१२ गोख, झरुखो अपासन न ३७२ हिंसा
अपिनद्ध पुं ७६५ कंचुक धारण करेलो अपिहित न १४७७ (शि. १३२) ढंकायेलुं अपुनर्भव पुं ७४ मोक्ष
अपहारपुं १५२४ व्यय, नाश
अप्पित्त न. १०९८ अग्नि
अपहास पुं २९८ कारण विना हसवुं ते अप्रकीर्णप्रसृतत्त्व न. ६८ संबंधवाळी ( अपांनाथ ) पुं १८८ जलदेवता अने अतिविस्तार वगरनी वाणी अपाङ्ग पुं ५७९ आंख पासेना बहार अने अप्रतिचक्रा स्त्री ४४ (शि. ४) श्री ऋषभदेव अंदरना खूणा
अपूप पुं ३९८ पूड़ला, मालपूडा अपोह पुं ३११ बुद्धिना आठ गुण पैकी छट्टो गुण
प्रभुनी शासन देवी ( अप्रतिपत्ति) १४९७ प्रयोजन विनानी स्थिति, विचार - रहित
( अप्रतिहता ) ११५६ ग्ररणी
(वनस्पति- विशेष) अप्रधान न. १४४१ गौण अप्रहत त्रि. ९४० नहि खेडेला खेतरनी भूमि 'अप्राग्य' न. १४४१ गौण अप्सरः पति पुं १७३ इन्द्र