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. शब्दमाला . १३
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ अन्तर्वती स्त्री ५३८ गर्भवती स्त्री अन्दोलन न. १४८१ (शि. १३३) हीचको अन्तर्वंशिक पुं. ७२६ अंतःपुरनो अधिकारी | अन्ध पुं ४५७ आंधळो अन्तर्वाणि पुं. ३४५ न बोली शके एवो, | अन्ध न. १०७० (शे. १६६) मेलुं पाणी शास्त्रज्ञ
अन्ध न. १०७० (शि. ९५) पाणी अन्तर्वेदि स्त्री ९४९ गंगा जमनानो अन्धकार पुं न. १४६ अंधारूं
वचलो प्रदेश (अन्धकारि) पुं २०० महादेव अन्तर्विगाहन न. १५०० अंदर जवू अन्धकासुहृद् पुं २०० महादेव अन्तर्हित न. १४७७ ढंकायेलुं . अन्धतमस न १४६ अंधाएं अन्तावसायिन् पुं ९२३ हजाम अन्धस् न ३९५ भोजन अन्तावसायिन् पुं ९३३ चंडाल (अन्धस्) पुं ७ परि. भोज्य शब्दथी अन्तिक न १४५० नजीक
जोडवा योग्य शब्द अन्तिक पुं ७५ (शे. २) मोक्ष | अन्धातमस न. १४५ (शि.१२) अंधाएं अन्तिकतम न १४५२ अत्यंत नजीक अन्धु पुं १०९१ कूवो अन्तिका स्त्री १०१८ चूलो
अन्न न. ३९५ भोजन अन्तिकाश्रय पुं. १००१ पाडोशीनें घर | अन्नकोष्टक पुं १०९२ अन्ननो कोठार अन्तिम न १४५९ छेल्लु
अन्य न १४६८ भिन्न अन्ती स्त्री १०१८ (शि. ८९) चूलो अन्यतर नं. १४६८ भिन्न अन्तेवासिन् पुं. ७९ शिष्य
'अन्यतरधुस्' अ. १५४२ बेमांथी अन्तेवासिन् पुं ९३३ चंडाल
एक दिवस अन्तेषद् पुं ७९ (शि.६) शिष्य अन्यथा अ. १५४२ (शे. २०५) बीजी रीते अन्त्य न ८७४ दश वाधि प्रमाण, १६मी संख्या | अन्यदा अ. १५४२ (शे. २०४) बीजी वखते अन्त्य न. १४५९ छेल्लु
अन्यभृत् पुं १३२२ कागडो अन्त्यवर्ण पुं ८९४ शूद्र
अन्यभृत पुं १३२१ (शि. ११७) कोयल अन्त्र न. ६०५ आंतरडुं
अन्यशाखक पुं ८५७ पोतानी वेदशाखाना अन्दुक पुं. न. १२२९ हाथीना पगमां
कर्म छोडनार बांधवानी सांकळ | अन्यून न १४३३ समस्त, बधुं अन्दू स्त्री १२२९ (शि. ११०) हाथीना पगमां | 'अन्येद्युस्' अ. १५४२ बीजा दिवसे