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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १२ । शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द/ लिंग / श्लोक / अर्थ अनूप पुं ९५३ बहु पाणीवाळो देश | अन्तक पुं. १८४ यमराज अनुराधा स्त्री ११३ (शि. १०) अनुराधा नक्षत्र | (अन्तकारिन् ) पुं (१० परि.) वध्यवधक अनूरु पुं १०२ सूर्यना सारथि - भाव संबंधमां वध्यथी जोडवा योग्य शब्द अनृजु पु ३७६ शठ, मायावी
अन्तकृद्दशा (ब.व.) स्त्री २४४ अनृत न. २६५ असत्य
.. आठमुं अंग अनृत न. ८६६ खेती
| अन्तर् अ. १५३८ वचमां अनेकजातिवैचित्र्य न. ७० भगवाननी | अन्तर न. १३६४ छिद्र, बिल
वाणीनो ३०मो गुण | अन्तर पुं. न. १४६० अवकाश अनेकप पुं. १२१७ हाथी
अन्तर न. १५०९ समय, प्रसंग अनेकलोचन पुं २०० (शे. ४३) महादेव | अन्तरा अ. १५३८ मध्ये, वचमां अनेकान्तवादिन् पुं २५ अरिहंत | अन्तरादण्ड (व.व.) पुं. ८७८ वहाणना अनेकान्तवादिन् पुं ८६१ (शि.७६) ।
..वचला दांडा स्याद्वाद्वादी, जैन | अन्तराय पुं. १५०९ विघ्न अनेड पुं ३५३ (शे.९३) मूर्ख अन्तराल न. १४६० वच्चे अनेडमूक पुं ३४८ (शि.२२) शठ, जड, | अन्तरिक्ष न. १६३ आकाश
. आंधळो | अन्तरीक्ष न. १६३ (शि. १२) आकाश अनेडमूक पुं ४५७ (शे.१०६) आंधळो । अन्तरीप न. १०७८ द्वीप, बेट अनेडमूक पुं ३४८ मूंगो
अन्तरीय न. ६७३ नीचे पहेरवानुं वस्त्र अनेहस् पुं १२६ समय
अन्तरे अ. १५३८ वचमां अनोकह पुं १११४ वृक्ष
अन्तरेण अ. १५२७ विना, सिवाय अन्त पुं ९६२ मर्यादा, सीमा
अन्तरेण अ. १५३८ वचमां अन्त पुं १३७४ निर्णय
अन्तर्गत न. १४९५ भूली जवायेखें अन्त पुं १४५९ छेल्लु
अन्तर्गडु पुं १५१६ नकामुं अन्तःकरण न. १३६९ मन
अन्तर्दा स्त्री १४७७ ढोंकण अन्तःपुर न. ७२७ राजानुं अंतःपुर | अन्तर्द्धि पुं. १४७७ ढांकण अन्तःपुराध्यक्ष पुं७२६ अंतःपुरनो अधिकारी | अन्तर न. १००७ गुप्त दरवाजो अन्तःस्वेद पुं १२१८ (शे. १७६) हाथी । अन्तर्मनस् पुं ४३५ दुष्ट चित्तवाळो