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- शब्दमाला • ३३१
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ
षट्कर्मन् पुं ८१२ यजन - याजन, अध्ययन अध्यापन, दान अने प्रतिग्रह ए छ कर्ममां आसक्त रहेनार ब्राह्मण (षट्चरण) पुं १२१२ भमरो (षट्पद) पुं १२१२ भमरो षट्पदी स्त्री १२०८ जू (हि) पुं १२१२ भमरो षडङ्गक न. ५६४ (शे. ११८) शरीर षडङ्गजित् पुं २१९ (शे. ६६ ) विष्णु, नारायण बङी स्त्री २५३ वेदना ६ अंगो षडभिश पुं २३३ बुद्ध, सुगत षड्ङ्गव न. १४२४ पशुओनुं षट्क बनाववा माटे पशुवाचक शब्दथी लगाडातो शब्द जेमके हस्तिषड्ङ्गवम्
बड्ज पुं १४०१ सातमो स्वर षड्बिन्दु पुं २१५ विष्णु, नारायण बड्स न. १०७० (शे. १६५) पाणी बसासव पुं ६२० रसधातु षण्ड पुं न. १११० वन, जंगल षण्ड पुं १२५९ सांढ़, आखलो षण्ड पुं १९६ शंकर
षण्ड पुं ५६२ नपुंसक
षण्ड पुं ७२८ अंत:पुरनो रक्षक, नपुंसक षण्डतिल पुं ११८० उगी न शंके तेवा तल षण्मुख पुं ४२ श्री विमलनाथ
भगवानना शासनदेव
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ षण्मुख पुं २०९ कार्तिकेय, शंकरनो पुत्र षष्टिक पुं ११६८ साठी चोखा, पोतानी मेळे पाके तेवा चोखा
( षष्टिक) पुं १२०१ बीजमांथी
उत्पन्न थती वनस्पति षष्टिक्य न. ९६६ साठी चोखा थई शके तेवुं खेतर षष्टिहायन पुं १२१८ (शे. १७६) हाथी षष्ठवाह पुं १२६० छ वर्षनी उंमरनो हळ वही शके तेवो बळद
षष्ठी स्त्री २०५ (शे. ५० ) पार्वती षाण्मातुर पुं २०८ कार्तिकेय बिङ्ग पुं ३३१ विट्, व्यभिचारी षोडत् पुं १२६३ छ दांतवाळो बळद षोडशार्चिस् पुं १२० शुक्र षोडशावर्त पुं १२०५ शंख षोडशांहि पुं १३५२ करचलो जीवन न. १५२१ थूकवुं ठेवन न. १५२१ थुंकवुं ट्यूत न. १५२१ थूकवुं
● स •
संयत् न. स्त्री ७९६ युद्ध, लडाई संयत पुं ४३९ बंधायेलो केदी संयमनी स्त्री १८६ यमनगरी संयुग न. पुं ७९९ युद्ध 'संयोगित' पुं १४८५ जोडायेलुं संयोजित पुं १४८५ जोडायेलुं