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शब्दमाला
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ श्रीमत् पुं १३३५ (शे. १९६) पोपट श्रीमत्कुम्भ न. १०४४ ( शे. १६३) सोनुं (श्रील) पुं ३५७ लक्ष्मीवान श्रीवत्स पुं ४७ श्री शीतलनाथ भगवाननुं लांछन श्रीवत्स पुं २१८ विष्णु, नारायण श्रीवत्स पुं २२२ विष्णुना
हृदय पर रहेलुं चिह्न श्रीवत्सभृत् पुं २१९ विष्णु, नारायण (श्रीवत्साङ्क) पुं २१९ विष्णु, नारायण श्रीवराह पुं २१९ (शे. ७६) विष्णु, नारायण श्रीवास पुं ६४८ गूगळनो धूप श्रीवृक्ष पुं ११३१ पीपळो श्रीवृक्षकिन् पुं १२३६ श्रीवृक्षना चिन्हथी अंकित घोडी
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शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ
श्रेयस् पुं २९ अगियारमा तीर्थंकर भगवान श्रेयस् न. ७४ मोक्ष
श्रुतकर्मन् पुं १२१ ( शे. १५) शनि ग्रह श्रुतदेवी स्त्री २४१ सरस्वती देवी, वाणी श्रुतश्रवोऽनुज पुं १२१ (शे. १६) शनि ग्रह श्रुति स्त्री २४९ वेद
श्रुति स्त्री ५७३ कान ( श्रुतिविकल) पुं ४५४ बहेरो श्रेणि पुं स्त्री ८९९ शिल्पीओनो समुदाय (श्रेणि) पुं स्त्री १४२३ श्रेणि, पंक्ति श्रेणिक पुं ७१२ मगधपति राजा, श्रेणिक श्रेणी स्त्री - १४२३ श्रेणि, पंक्ति
श्रेयस् न. ८६ कल्याण, शुभ श्रेयस् न. १३७९ धर्म, पुण्य, सुकृत श्रेयस् न. १४३९ श्रेष्ठ, प्रधान श्रेयसी स्त्री ११४६ हरडे
श्रेयांस पुं २७ अगियारमा तीर्थंकर भगवान श्रेयांस पुं २९ अगियारमा तीर्थंकर भगवान श्रेष्ठ न. १४३९ अत्यंत उत्तम, प्रधान श्रोण पुं ४५२ पांगळो श्रोणि स्त्री पुं ६०७ केड श्रोत्र न. ५७४ कान
समुदाय
श्रीवेष्ट पुं ६४८ (शे. १३४) गूगळनो धूप श्रौषट् अ. १५३८ देवोने बलि आपवामां श्रीसंज्ञ न. ६४६ लवींग वपरातो मंत्राक्षर
श्रोत्रिय पुं ८१७ वेद जाणनार ब्राह्मण ( श्रोत्रियसमाज) पुं १४१४ श्रोत्रियोनो
श्लक्ष्ण नः १४२७ सूक्ष्म, बारीक, चीकणुं श्लथ पुं ४९१ ढीलो, शिथिल, दुर्बळ श्लाघा स्त्री २७० वखाण, प्रशंसा श्लीपद न. ४६५ पगनो हाथीपगो रोग श्लील पुं ३५७ लक्ष्मीवाळो - श्लेष्मण पुं ४६० सळेखम - कफनो रोगी श्लेष्मन् पुं ४६२ कफ
श्लेष्मल पुं ४६० सळेखम - कफनो रोगी श्लेष्मातक पुं ११४४ मोटी गुंदी श्लोक पुं २७३ यश, कीर्ति