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अभिधानचिन्तामणिनाममाला • ३२८ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ.. श्रद्धालु पुं ४९० आस्तिक, परलोकादिमां श्रान्त पुं ८११ इन्द्रयो उपर जय मेळवनार श्रद्धावाळो
श्रावण पुं १५४ श्रावण मास श्रद्धालु स्त्री ५३९ दोहदवाळी स्त्री श्रावणिक पुं १५४ श्रावण मास श्रन्थन न. ६५३ गूंथण, पुष्पना हारनी रचना | श्री स्त्री ४० श्री अरमाथ भगवाननी माता श्रम पुं ३१९ थाक
श्री स्त्री २२६ लक्ष्मी श्रम पुं ७८८ शस्त्रकळानो अभ्यास श्री स्त्री ३५७ संपत्ति श्रमण पुं ७५ साधु मुनि . श्री स्त्री १५१२ शोभा, कान्ति श्रमणा स्त्री ५३२ (शि. ४३) साध्वी श्रीकण्ठ पुं १९५ शंकर (श्रमणादिसङ्घ) पुं १४१२ सजातीय श्रीकण्ठसख पुं ९ (प.) कुबेर
- जीवोनो समुदाय |श्रीकर पुं २१९ (शे. ६९) विष्णु, नारायण श्रवण पुं स्त्री ११३ श्रवण नक्षत्र श्रीखण्ड न. ६४१ चन्दन श्रमण न. ३१० सांभळ, | श्रीगर्भ पुं २१९ (शे. ६८) विष्णु, नारायण श्रवण न. पुं ५७४ कान
श्रीगर्भ पुं ७८२ (शे. १४४) तलवार श्रवण पुं ७५ (शि. ५) साधु, मुनि (श्रीगुणसुन्दर) पुं ३४ वीजा दशपूर्वी श्रवण पुं २१९ (शे. ६५) विष्णु, नारायण (श्रीगुप्त) पुं ३४ नवमा दशपूर्वी श्रवणा स्त्री ५३२ साध्वी
| श्रीधन पुं २३४ सुगत, बुद्ध श्रवस् न. ५७३ कान
श्रीधन न. ४०६ (शे. १००) दही, गोरस 'श्रवा' स्त्री ११८५ मीठी खरखोडी श्रीद पुं १८९ कुबेरदेव श्रविष्ठा स्त्री ११४ धनिष्ठा नक्षत्र श्रीधर पुं ५१ गई उत्स.ना ७मा भगवान श्रविष्ठाभू पुं ११७ बुध ग्रह श्रीधर पुं २१५ विष्णु, नारायण श्रविष्ठारमण पुं १०५ (शे. १३) चन्द्रमा श्रीनन्दन पुं २२८ कामदेव श्राणा स्त्री ३९७ राबडी, कांजी श्रीपति पुं २१४ विष्णु, नारायण श्राद्ध पुं ४९० श्रद्धावाळो, आस्तिक | श्रीपथ पुं ९८७ राजमार्ग, धोरी रस्तो श्राद्ध न. पुं८२२ पितृयज्ञ,
श्रीपणी स्त्री ११४३ सीवण, वृक्ष मरण पछीनी क्रिया (श्रीपर्याय) न. ६४६ लवींग श्राद्धकाल पुं १४१ दिवसनो आठमो भाग | श्रीफल पुं ११३५ बीली- झाड श्राद्धदेव पुं १८५ यमराजा | श्रीमत् पुं ३५७ (शे. २३) लक्ष्मीवाळो