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' शब्दमाला • ३२५ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शूलनाशन न. ९४३ संचळ
शृङ्गवाद्य न. २९४ (शे. ८५) शिंगडाना शूलभृत् पुं १९९ शंकर
आकार- वाजिंत्र शूलभृत् पुं ७ (प.) शंकर
शृङ्गाट न. ९८८ ज्यां त्रण रस्ता भेगा थाय शूलाकृत न. ४१३ लोढाना सळीया उपर
तेवू स्थान . पकावेलुं मांस | शृङ्गार पुं न. २२९ कामदेवनी योनि शूलायुध पुं ७ (प.) शंकर
शृङ्गार पुं न. २९४ शृंगार रस शूलास्त्र पुं ७ (प.) शंकर
शृङ्गार न. १०६१ (शे. ९३) सिन्दूर शूलिक पुं १२९६ ससलो
(शृङ्गारजन्मन्) पुं २१९ कामदेव (शूलिन्) पुं६ (प.) शंकर
शृङ्गारभूषण न. १०६१ सिन्दूर (शूलिन्) पुं १९९ शंकर
(शृङ्गारयोनि) पुं २२९ कामदेव शूल्य न. ४१३ लोढाना सळीया उपर | शृङ्गिक पुं ११९८ स्थावर विष पकावेलुं मांस
शृङ्गिण पुं १२७७ घंटो शृगाल पुं १२९० (शि. ११४) शियाळ | शृङ्गिणी स्त्री १२६५ अनेक प्रकारना शृगाली स्त्री ८०३ (शे. १५३) लूंट,
वर्णवाळी गाय उपद्रव, प्रलय, खोटो कजीयो शृङ्गी स्त्री १३४७ मद्गुर मच्छनी स्त्री शङ्खल न. पुं. स्त्री ६६५ पुरुषनी केडनो | शृङ्गीकनक न. १०४६ अलंकार माटेर्नु . कंदोरो
. सोनुं शृङ्खल पुं स्त्री न. १२२९ हाथीना पगे शृङ्गोष्णीष. पुं १२८५ (शे. १८५) सिंह
- बांधवानी सांकळ | 'शृणि' स्त्री १२३० अंकुश शृङ्खलक पुं १२५५ लाकडाना पगबंधन | शृत न. १४८५ पकावेलुं दूध-घी अने वडे जोडायेलो ऊंट
बलिनो पाक शृङ्ग न. १०३२ शिखर
| शेखर पुं ७ (प.) धार्यवाचक शब्दथी आ शृङ्ग न. पुं १२६४ बळदनुं शीगर्छ । शब्द लगाडतां धारकवाचक शब्द बने छे. शङ्ग ६४० (शे. १३०) अगरु, अंगर | दा.त. शशिशेखर शृङ्गबेरक न. १२८९ आदु .. | शेखर पुं६५४ मस्तक उपर मुकुटना शृङ्गमुख न. २९४ (शे. ८५) शिंगडाना |
आकारे नाखेली माळा . आकार- वाजिंत्र | शेप पुं ६१० लिंग, पुरुष चिह्न
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