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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . ३२२ -
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शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ |शब्द/लिंग / श्लोक / अर्थ शिवताति पुं ४८९ कल्याण करनार |शिशुमार पुं १३५० शिशुमार, मच्छ, शिवदती स्त्री २०५ (शे. ५७) पार्वती .. . जलनो वांदरो शिवपुरी स्त्री ९७४ काशी, वाराणसी शिशुवाहक पुं १२७७. जंगली बकरो शिवप्रणयिनी स्त्री ८ (प.) पार्वती | शिश्न न. ६१० .पुरुष चिह्न, लिंग शिवप्रियतमा स्त्री ८ (प.) पार्वती शिश्चिदान. पुं ८५५ दुराचारी ब्राह्मण शिवप्रिया स्त्री ८ (प.) पार्वती । | शिष्टत्व न.६६ सभ्यता, तीर्थकर परमात्मानी शिवरमणी स्त्री ८ (प.) पार्वती | वाणीनो ३५मांनो एक गुण शिववधू स्त्री ८ (प.) पार्वती | शिष्टि स्त्री २७७ आशा, आदेश शिववालमा स्त्री ८ (प.) पार्वती शिष्य पुं ७९ शिष्य शिवा स्त्री ४० श्री नेमिनाथ
शीकर पुं १६५ पाणीना छांट भगवाननी माता शीघ्र न. १४७० जलदी, उतावळथी शिवा स्त्री २०४ पार्वती
शीघ्रवेधिन् पुं ७७२ निशानबाज, लक्ष्यने शिवा स्त्री ११४५ आमळा
झडपथी वीधनार शिवा स्त्री १२८९ शियाळ
शीत पुं ११३७ नेतर 'शिवा' स्त्री ११४६ हरडे
शीत पुं १३८५ ठंडु, शीतस्पर्श शिवारि पुं १२८० (शे. १८१) कूतरो. शीतक पुं ३८३ आळसु (शिवी) स्त्री २०४ पार्वती
शीतशिव न. ९४२ सैंधव, सिन्धुदेशमां शिशिर पुं न. १५३ ऋतु, नाम,
उत्पन्न थयेवं मीतुं महा-फागण महिनो | 'शीतभीरु' स्त्री ११४८ मोगरो शिशिर पुं १३८५ ठंडु, शीतस्पर्श शीतल पुं २७ १०मा तीर्थकरतुं नाम शिशु पुं ३३८ नानुं बाळक
शीतल पुं १३८५ शीतस्पर्श, ठंडु शिशुक पुं १३४६ एक जातनो मच्छ शीतल पुं ११०७ (शे. १७३) वायु, पवन शिशुत्व न. ३३९ बाळपणुं, बाल्यावस्था | शीतशिव न. ९४२ सैन्धव मीटुं शिशुनामन् पुं १२५३ ऊंट
(शीतांशु) पुं १०५ चन्द्रमा शिशुपाल पुं २२१ विष्णुनो वध्य |शीतीभाव पुं ७५ (शे. २) मोक्ष
शिशुपाल राजा (शीतेतरश्मि ) पुं ९५ सूर्य (शिशुपालनिषूदन) पुं २२१ विष्णु, कृष्ण | शीषु पुं न: ९०४ मदिरा